Cyber Fraud: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साइबर अपराध की जांच से संबंधित संपत्ति से कथित तौर पर पैसे निकालने के आरोप में दिल्ली पुलिस के दो सब-इंस्पेक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने ये जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि उत्तर-पूर्वी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में मामलों के निपटारे के दौरान सामने आई अनियमितताओं के बाद आंतरिक जांच शुरू की गई थी, जिसके बाद ये गिरफ्तारियां हुईं। 19 मार्च से लापता जांच अधिकारी के खिलाफ तीन केस दर्ज किए गए हैं।
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DCP (नॉर्थ-ईस्ट) आशीष मिश्रा ने बयान में कहा, “साइबर पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर राहुल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई थी, जिसमें एसआई नंदन सिंह, हेड कांस्टेबल अमित और रोहन और कांस्टेबल दीपक शामिल थे।” निपटान किए गए मामलों की संपत्तियों की नियमित जांच के दौरान खाता विवरणों और न्यायिक आदेश प्रारूपों में गड़बड़ी देखी गई। बयान में कहा गया है, “विस्तृत जांच से पता चला कि जाली न्यायिक आदेश – जो कथित तौर पर शिकायतकर्ताओं के पक्ष में जारी किए गए थे उनका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी से वसूली गई राशि से 75 लाख रुपये निकालने के लिए किया गया था।” Cyber Fraud
टीम ने फरार पुलिस अधिकारी, सब-इंस्पेक्टर अंकुर मलिक (32) को मध्य प्रदेश के इंदौर में ट्रैक करने के लिए तकनीकी निगरानी और जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंकुर मलिक ने कई सिम कार्ड बदल लिए थे और अपने साथियों से बातचीत करने के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहा था। Cyber Fraud
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उन्होंने कहा, “18 जुलाई को स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इंदौर में एक किराए के फ्लैट पर छापा मारा गया। अंकुर मलिक और उसकी एक महिला साथी जो दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर भी है उसे परिसर से गिरफ्तार किया गया। छापे के दौरान टीम ने 12 लाख रुपये नकद, 820 ग्राम सोने के सिक्के और बार, 200 ग्राम सोने के आभूषण, 11 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, तीन एटीएम कार्ड और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।” जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया, “लैपटॉप और मोबाइल डेटा के विश्लेषण से चोरी के पैसे को ठिकाने लगाने के लिए खच्चर बैंक खातों के इस्तेमाल का पता चला।” Cyber Fraud
पूछताछ के दौरान अंकुर मलिक ने अपने बाकी साथियों के नाम बताए, जिसके बाद दिल्ली में छापेमारी की गई और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद इलियास (40), आरिफ (35) और शादाब (23) को गिरफ्तार किया गया। तीनों ने कथित तौर पर कमीशन के बदले अवैध धन हस्तांतरण में मदद के लिए अपने बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। सूत्रों ने बताया कि आरोपी इंदौर में स्थायी रूप से बसने की योजना बना रहे थे। फिलहाल मामले की आगे की जांच चल रही है। Cyber Fraud
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