चंडीगढ़: कोरोना की दूसरी लहर से पार पा रहे हरियाणा के लिए अब ब्लैक फंगस बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ब्लैक फंगस के खतरनाक होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी मृत्यु दर कोरोना से 6 गुणा अधिक है।
एक तरफ तो कोरोना के 100 मरीजों में से एक मरीज की मौत होने से मृत्य दर 1.09 प्रतिशत, वहीं, ब्लैक फंगस की मृत्यु दर 6.74 प्रतिशत है। इसके अलावा, नए मामलों की संख्या में भी ब्लैक फंगस पीछे नहीं है।
पिछले 25 दिनों में रोजाना औसतन 32 केस आए हैं। ऐसे में इनकी कुल संख्या 816 से अधिक पहुंच गई है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में ये तथ्य सामने आए हैं।
शनिवार तक प्रदेश में कुल 816 केस आए थे। इनमें से 55 मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसे में प्रतिदिन औसतन 2 मरीजों की ब्लैक फंगस जान ले रहा है। राहत की बात है कि अब तक 58 मरीज ठीक हो चुके हैं।
ऐसे में रिकवरी दर भी 6 प्रतिशत से अधिक है। इस समय करीब 688 मरीज अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में इलाज ले रहे हैं। हरियाणा में 4 मई के बाद से ब्लैक फंगस के केस आने शुरू हुए थे।
12 मई तक अकेले रोहतक पीजीआई में 20 मरीज पहुंच गए थे। ब्लैक फंगस 18 जिलों में दस्तक दे चुका है। केवल चार जिले ऐसे हैं, जहां पर ब्लैक फंगस का केस नहीं आया है।
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