दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह पेपरलैस होगी। सदन में रखे जाने वाले सभी दस्तावेज़ केवल अब ई–पेपर के रूप में ही पटल पर रखे जाएँगे। हरेक सत्र में लाखों पन्ने के दस्तावेज़ सदन में रखे जाते हैं जो अब केवल सॉफ़्ट–कॉपी के रूप में ही रखे जाएँगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी।
दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह paperless होगी.3
सदन में रखे जाने वाले सभी दस्तावेज़ केवल अब ई-पेपर के रूप में ही पटल पर रखे जाएँगे. हरेक सत्र में लाखों पन्ने के दस्तावेज़ सदन में रखे जाते हैं जो अब केवल सॉफ़्ट-कॉपी के रूप में ही रखे जाएँगे.
— Manish Sisodia (@msisodia) March 29, 2022
मनीष सिसोदिया ने कहा कि विधानसभा को पेपरलैस बनाना दिल्ली विधानसभा को स्मार्ट बनाने के दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में रोजाना हजारों पेपर का इस्तेमाल होता है लेकिन हमारे इस प्रयास से सदन में न केवल पेपर की बचत होगी बल्कि सदन की दक्षता बढ़ने के साथ–साथ समय की भी बचत होगी।
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केजरीवाल सरकार के इस कदम से सालाना न केवल लाखों कागजों की बचत होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी ये एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। दिल्ली विधानसभा को डिजिटल बनाने की इस मुहिम के तहत सभी 70 विधायकों को सरकार की ओर से टेबलेट दिए जाएंगे और विधायक सदन से जुड़े सभी दस्तावेजों को इस टेबलेट पर प्राप्त कर सकेंगे।
विधानसभा को पेपरलैस करने के फायदे
1. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए हर साल लाखों पेपर की बचत
2. ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर के जरिय सवालों का हो सकेगा डिजिटल सबमिशन
3. विधानसभा में पूछे गए सवाल की हो सकेगी ऑनलाइन ट्रैकिंग
4. विधायकों को बिलों से जुडी सभी जानकारियां ऑनलाइन मिलेगी
5. सदन के काम की हो सकेगी ऑनलाइन मोनिटरिंग
6. विधायकों की दक्षता में होगा इजाफा, समय की होगी बचत, विधायकों के उपस्थिति को भी किया जाएगा ट्रैक
7. इमरजेंसी की स्थिति में वर्चुअल लेजिस्लेटिव असेम्बली सॉफ्टवेयर का हो सकेगा इस्तेमाल
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