नई दिल्ली(ललित नारायण कांडपाल): देश की राजधानी दिल्ली जहां एक ओर अभी कुछ दिन पहले ही कोरोना की तीसरी लहर से बचकर निकली है। वहीं, राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए।
राजधानी दिल्ली के नांगलोई इलाके में सुबह 5 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 2.3 रिकार्ड हुई।
पहले 17 दिसंबर को भी राजधानी दिल्ली में भूकंप महसूस किया गया था, जिसकी तीव्रता 4.2 रिकार्ड की गई। दरअसल, पिछले 10 दिनों में राजधानी दिल्ली में आए इस दूसरे भूकंप ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।
जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि आखिर ये छोटे छोटे भूकंप क्यों आ रहे हैं। इन छोटे छोटे भूकंप से अभी तक राजधानी दिल्ली में कहीं कोई नुकसान नहीं हुआ है।
अब सवाल ये भी पैदा होता है कि इन छोटे छोटे भूकंप से कही ऐसा तो नहीं है कि एक दिन बड़े भूकंप आने की वजह बन जाए।
दिल्ली में आए भूकंप के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली एनसीआर में रिक्टर स्केल पर 4 से 4.9 की तिव्रता वाले 64 भूकंप देखे हैं। जिसमें पांच से ज्यादा वाले 8 भूकंप हैं।
लेकिन सवाल ये है कि क्या छोटे छोटे भूकंप को किस तरह से देखना चाहिए। पिछले कई दिनों से राजधानी दिल्ली में जो छोटे छोटे भूकंप आ रहे हैं उससे एक सवाल ये भी पैदा होने लगा है कि आखिर कितनी तीव्रता का भूकंप नुकसान दे सकता है।
इस पर डा एस सी दूबे कहते हैं कि 5 और साढे पांच की तीव्रता से ज्यादा के भूकंप से ही नुकसान हो सकता है। लेकिन ये भूकंप आखिर आते क्यों हैं।
बहरहाल, अगर इन छोटे छोटे भूकंप से बड़े भुकंप की संभावना कम होती है तो ये निश्चित तौर पर दिल्ली के लिए बेहतर स्थिति है।
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