Delhi: दिल्ली के द्वारका में सैकड़ों लोगों ने शनिवार को सड़क पर सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, जिसमें आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखने का आदेश दिया गया था।एक प्रदर्शनकारी बरखा ने आवारा कुत्तों का बचाव करते हुए कहा, “और जो आज हमारा पीसफुल प्रोटेस्ट है, ये हमारे बेजुबान बच्चों के लिए है, हम उन्हें बच्चा कहते हैं। लोगों के लिए वो काटने वाले दरिंदे हैं, लेकिन वो हमारे लिए बच्चेे हैं।Delhi:
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हम चाहते हैं उनके साथ न्याय हो। सरकार ने कभी उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। एमसीडी ने उनके लिए कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई पिछले 10-15 सालों में लेकिन हम उनको अपने बच्चों की तरह पालते हैं। लेकिन सरकार आज कहती है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है और वो उन्हें उठाकर ले जाएंगे। लेकिन वो क्यों उन्हें उठाकर ले जाएंगे। वो उनको क्यों उठाकर ले जाएंगे, वो भी इस देश के उतने ही नागरिक है, जितने की हम हैं।”Delhi:
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लोगों ने एबीडी (पशु जन्म नियंत्रण) नियमों का पालन न करने के लिए अधिकारियों की आलोचना की।एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारा धर्म संस्कार ये सिखाते हैं कि हम उनकी रक्षा करें। उनको प्रोटेक्ट करें। सरकार ने यदि नियम निकाला था तो वो हमें टाइम देती कि हम अपने बच्चों को कहीं प्रोटेक्ट सक सकते, उनको किसी के घर पहुंचा सकते, किसी को डोनेट कर सकते, किसी को गिफ्ट कर सकते, उनकी रक्षा कर सकते।”Delhi:
11 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने अधिकारियों को फौरन कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने और आठ सप्ताह के भीतर ऐसे बुनियादी ढाँचे के निर्माण के बारे में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।इसने कहा था कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में ही रखा जाएगा और उन्हें सड़कों, कॉलोनियों या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाएगा।दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज होने के मामले में 28 जुलाई को शुरू किए गए एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को कई आदेश जारी किए थे।Delhi: