Earthquakes News: भूकंप विज्ञानी अजय पॉल ने शुक्रवार को कहा कि अरुणाचल, बिहार, नेपाल, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश का हिमालयी क्षेत्र उच्च भूकंपीय जोखिम वाले क्षेत्र चार और पांच में आता है। उन्होंने कहा कि निगरानी, मॉक ड्रिल, नागरिक जागरूकता से भूकंप से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।थाईलैंड और पड़ोसी म्यांमार में शुक्रवार को दोपहर में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें बैंकॉक में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और निर्माणाधीन इमारत के ढहने से दर्जनों लोग मलबे में दब गए।
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भूकंप पर दिया बड़ा बयान- इतने बड़े पैमाने पर भूपंक आने से म्यांमार ने आपातकाल की घोषणा कर दी।क्या हम भारत में साल में एक बार मॉक ड्रिल करते हैं? क्या हम भूकंप से पहले या भूकंप के दौरान या भूकंप के बाद के मापदंडों को जानते हैं? इस सवाल पर पीटीआई से पॉल ने कहा, “आज 7.7 रिक्टर स्केल पर जो भूकंप थ। हम इसे बड़ा भूकंप कहेंगे।
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अजय पॉल ने बताए भूकंपीय भूभाग क्षेत्र के नाम- लार्ज अर्थक्वीक, ये जो ग्रेट अर्थ क्वीक की परिभाषा है, उसमें तो आठ मैग्नीट्यूड से बड़ा होता है। लेकिन बड़ा अर्थ क्वीक सात से आठ के बीच में, ये भी एक बहुत बड़ा भूकंप होता है, जिसमें प्रचुर मात्रा में एनर्जी निकलती है। और ये वो क्षेत्र है, जिसको कि हम भूकंपीय क्षेत्र चार और पांच बोलते हैं, यानी उच्च भूकंपीय जोखिम वाला क्षेत्र और ये जो उच्च भूकंपीय जोखिम वाले क्षेत्र हैं। यदि हम भारत भूभाग की बात करें तो जितना हिमालय क्षेत्र है। अरुणाचल से बिहार, नेपाल, उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर ये जो पूरा भूभाग क्षेत्र है जितना भी हिमालयी क्षेत्र है, उच्च भूकंपीय जोखिम वाले क्षेत्र चार और पांच में आता है।”
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