Jammu News: कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लंबे वक्त से मौसम खुश्क बना हुआ है। इस वजह से रातें ठंडी हो गई हैं जबकि दिन में तापमान ज्यादा दिख रहा है।कश्मीर घाटी में औसत तापमान सामान्य से छह से सात डिग्री ज्यादा होने की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पर सबसे बुरा असर पड़ा है। टूरिज्म को यहां की इकोनॉमी की रीढ़ माना जाता है।कश्मीर में इस वक्त ‘चिल्लई-कलां’ का दौर चल रहा है। इन्हें सबसे सर्द 40 दिन माना जाता है। इस दौरान इलाके में शीत लहर चलती है और तापमान में काफी गिरावट देखने को मिलती है। इस दौरान नदियां, झील और तालाब जम जाता हैं और वॉटर सप्लाई लाइन पर भी बर्फ जम जाती है।
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कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक दिसंबर 2023 में 79 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई और जनवरी के पहले हफ्ते में बर्फबारी नहीं हुई।कश्मीर घाटी में अगर लंबे वक्त तक मौसम खुश्क रहता है तो इसका बुरा असर खेती के साथ-साथ बागवानी उद्योग पर भी पड़ सकता है।
मुख्तार अहमद, निदेशक, मौसम विज्ञान, कश्मीर: अभी एक कंटीन्यू ड्राई स्पेल चल रहा है, दिसंबर के महीने में भी कोई खास बारिश या बर्फबारी नहीं हुई और इसी तरह जनवरी का महीना भी अभी तक ड्राई चल रहा है और आने वाले दिनों में बर्फबारी को लेकर कोई बड़ा पूर्वानुमान नहीं है।बहुत परेशानी होती है, खुश्क मौसम है, यहां पर ठंड बहुत तेज है और बीमारी भी बहुत तेज हो रही है। बहुत परेशानी हो रही है, अगर सूखा पड़ गया न, तो न जाने क्या-क्या हो जाएगा, इस कश्मीर में भी। बहुत ही परेशानी हो रही है।””दुर्भाग्य से इस साल, ये अब तक बहुत खुश्क है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही बर्फबारी होगी। हमें कम से कम इस ठंड से राहत मिल सकती है।”निवासी, श्रीनगर:”ठंड बहुत हो रही है, बर्फ नहीं पड़ती है, पता नहीं क्यों नहीं बर्फ पड़ती है। सुबह बमुश्किल निकलना पड़ता है। ठंड बहुत तेज होता है।”
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