Electronics Manufacturing Component Scheme: सरकार ने ‘इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना’ (ईसीएमएस) के तहत मिले 249 प्रस्तावों में से सात परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है जिनमें कुल 5,532 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से देश का इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों का आयात बिल लगभग 20,000 करोड़ रुपये तक कम हो सकता है।
उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा क्षेत्र की सात परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।आने वाले दिनों में कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी जाएगी। हमें उम्मीद है कि इन परियोजनाओं से लगभग 20,000 करोड़ रुपये का आयात बिल कम होगा।वैष्णव ने बताया कि स्वीकृत प्रस्तावों में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड यानी मदरबोर्ड बेस, कैमरा मॉड्यूल, कॉपर लैमिनेट और पॉलीप्रोपिलीन फिल्म (उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाले कैपेसिटर के लिए जरूरी) के निर्माण से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं।Electronics Manufacturing Component Scheme
इनमें चार परियोजनाएं केन्स ग्रुप की हैं जबकि एक-एक परियोजना सिरमा समूह, एंबर समूह की इकाई एसेंट सर्किट्स और एसआरएफ लिमिटेड की है।केन्स ग्रुप की चार परियोजनाओं में कुल 3,280 करोड़ रुपये का निवेश होगा जिनसे मल्टी-लेयर पीसीबी, कैमरा मॉड्यूल असेंबली और हाई डेंसिटी इंटरकनेक्ट (एचडीआई) पीसीबी का उत्पादन किया जाएगा।
एसेंट सर्किट्स की 991 करोड़ रुपये की परियोजना से 7,800 करोड़ रुपये मूल्य के मल्टी-लेयर पीसीबी बनने का अनुमान है। सिरमा स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स की 765 करोड़ रुपये की परियोजना से 6,900 करोड़ रुपये के पीसीबी और एसआरएफ की 496 करोड़ रुपये की परियोजना से 1,311 करोड़ रुपये के पॉलीप्रोपिलीन फिल्म का उत्पादन होगा। यह पहला मौका होगा जब कैमरा मॉड्यूल भारत में किसी विदेशी प्रौद्योगिकी साझेदारी के बगैर तैयार किए जाएंगे। इन मॉड्यूल का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट और सीसीटीवी कैमरों में किया जा सकेगा।Electronics Manufacturing Component Scheme
वैष्णव ने कहा कि मंजूर परियोजनाओं से देश की कुल पीसीबी मांग का लगभग 27 प्रतिशत और कैमरा मॉड्यूल की मांग का 15 प्रतिशत घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सकेगा। वहीं, कॉपर लैमिनेट और पॉलीप्रोपिलीन फिल्म जैसे कलपुर्जे भारत में पहली बार बनेंगे और ये 100 प्रतिशत घरेलू जरूरत को पूरा करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि स्वीकृत परियोजनाओं में कुल 5,532 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और इनसे करीब 5,195 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। Electronics Manufacturing Component Scheme Electronics Manufacturing Component Schemee
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कृष्णन के मुताबिक, इस योजना के तहत अब तक कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ईसीएमएस योजना के पहले चरण की समयसीमा 30 सितंबर को खत्म हो गई थी लेकिन पूंजीगत उपकरणों के लिए आवेदन की खिड़की फिलहाल खुली हुई है। यह योजना देश में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। Electronics Manufacturing Component Scheme Electronics Manufacturing Component Schem
