Fake Cancer Medicine: आज हम बात करेंगे दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी की जिसका नाम है कैंसर। जो व्यक्ति एक बार कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जाता है तो वह इसके इलाज के लिए दूर- दूर और महंगी से महंगी दवाई लेने को भी मजबूर हो जाता है। लेकिन एक सवाल ये भी है कि अगर आप कैंसर की दवाई को दोगुने दाम में ले रहे हैं और आपको पता लगे की वह दवाई नकली है तो आप कैसा महसूस करेंगे? पिछले कई दिनों में नकली दवाई बनाने और बेचने वाले कई रैकेटों का पर्दा फाश हुआ है। ऐसी ही घटना दिल्ली में सामने आई है।
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दरअसल, दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवा बेचने वाले एक और गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह में शामिल लोगों में से दो लोग दिल्ली के ही रहने वाले हैं। ये गिरोह कैंसर की दवाई को महंगे दामों में या नकली दवाई बेचकर मरीजों को ठगने का काम किया करते थे। हालांकि दिल्ली के कोर्ट में इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी गई है। पुलिस के अनुसार आरोपियों के पास कैंसर की दवाई के कुछ 9 ब्रांड की नकली दवाई प्राप्त हुई हैं। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों को इस गिरोह ने ठगा था उनमें से एक की मौत भी हो चुकी है।
उज्बेकिस्तानी के एक व्यक्ति ने 5.92 लाख रुपये में 6 इंजेक्शन खरीदे थे। जम्मू-कश्मीर के एक व्यक्ति ने 1.8 लाख रुपये में दो इंजेक्शन खरीदे थे। बिहार के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के लिए चार इंजेक्शन 3.6 लाख रुपये में खरीदे थे। हरियाणा के एक व्यक्ति ने 5.67 लाख रुपये में 6 इंजेक्शन खरीदे थे। चंडीगढ़ की एक महिला, जिसने अपनी मां के लिए दस इंजेक्शन 13.5 लाख रुपये में खरीदे थे। चंडीगढ़ की एक और महिला ने अपनी दादी के लिए 10 इंजेक्शन सेम रेट में 13.5 लाख रुपये में खरीदे थे। पंजाब के एक व्यक्ति ने 16.2 लाख रुपये में अपनी मां के लिए 12 इंजेक्शन खरीदे थे। इस अलावा पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने अपने पिता के लिए 24 लाख रुपये में 24 इंजेक्शन खरीदे थे। इस सभी लोगों ने मोटी रकम खर्च करके अपने संबंधी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास किया लेकिन निराशा हाथ लगी।
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कैसे करते थे नकली दवाई का व्यापार?- यह गिरोह अपने काम को अंजाम देने के लिए दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीजों को अपना शिकार बनाते थे। कैंसर की दवाई के नाम पर कोई भी दवाई दे कर लोगों से दोगुना पैसा लेते थे। ये लोग पहले कैंसर के इलाज में आने वाले इंजेक्शन की खाली शीशियों को इकट्ठा करते और उनमें दूसरी दवाई भर कर फार्मिस्टों और मरीजों को बेच कर पैसा कमाते थे। हालांकि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह को पकड़ कर लाखों लोगों की जान बचाने का काम किया है।
पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी- कैंसर की नकली दवाई बेचने वाले गिरोह को पकड़ने पर पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने इस रैकेट को पकड़ने के लिए चार स्थानों पर छापेमारी की। पुलिस सूचना मिलते ही कैपिटल्स ग्रीन पहुंची, जो इस रैकेट का मुख्य स्थान था। पुलिस के अनुसार इस गिरोह के मास्टर माइंड का नाम विफल जैन है, जो मौके पर ही पकड़ा गया।