KISAN VS BJP: यमुनानगर में किसानों का प्रदर्शन, तोड़े पुलिस के बैरीकेड्स

यमुनानगर(राहुल सहजवानी): हरियाणा में किसान आंदोलन अब भाजपा – जजपा के लिए सर दर्द साबित हो रहा है।
किसानों ने तीन जिलों में यमुनानगर, हिसार ओर जींद में भाजपा के कार्यक्रम का कड़ा विरोध किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े विभिन्न किसान संगठनों के सदस्यों ने शनिवार को जगाधरी के रामलीला भवन में आयोजित भाजपा जिला कार्यकारिणी की बैठक के विरोध में जमकर बवाल काटा।
इस दौरान प्रदर्शनकारी किसान बेरीकेट्स तोड़कर बैठक स्थल तक पहुंचने का प्रयास करने लगे। जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को रोका और दो दर्जन से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया।

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जिससे गुस्साए किसानों ने जगाधरी के मटका चौक पर जाम लगा दिया। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाकर जाम खुलवाया और हिरासत में लिए गए किसानों को छोड़ दिया।
भाजपा जिला कार्यकारिणी की बैठक में परिवाहन मंत्री मूलचंद शमा, शिक्षा मंत्री कंवरपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया व सिटी विधायक घनश्याम दास अरोड़ा समेत कई पूर्व विधायक व चेयरमैन भाग लेने पहुंचे थे।
इस बारे में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को सूचना मिल गई, जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े भाकियू समेत अन्य किसान संगठनों के सदस्य ट्रैक्टरों व अन्य वाहनों पर सवार होकर अपने हाथों में काले झंडे लेकर जगाधरी के रामलीला भवन के समक्ष पहुंच गए।

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इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद होने पर किसानों को भाजपा की बैठक स्थल से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर पुलिस ने रोक लिया, जिससे गुस्साए किसानों ने बेरीकेट्स पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें तोड़कर बैठक स्थल पर पहुंचने का प्रयास किया।
किसान नेताओं ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तब तक किसान भाजपा के कार्यक्रमों का विरोध करते रहेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को भड़काने का काम कर रही है। किसान नेताओं ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं करने पर इसका खामियाजा केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
वहीं,  जिला कार्यकारिणी की बैठक लेने पहुंचे परिवाहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि आज बैठक लेने पहुंचे। केंद्र और प्रदेश की नीति को मजबूत करने को लेकर आज बैठक की गई।
उन्होंने कहा कि किसान अपना काम करे हम अपना काम करेंगे। कृषि कानून ऐसा कानून है जो इतिहास में कभी नही आ सकता। आज किसान खलियान में लगा हुआ है ओर प्रदर्शनकारी नेतागिरी कर रहे है।
कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अब किसान टकराव के मूड में नज़र आ रहे हैं ।
भाजपा जजपा के नेताओं का विरोध पूरे हरियाणा में नज़र आ रहा है। ऐसे में अब आंदोलन कब समाप्त होगा, कानून वापिस होंगे या नहीं। यह सवाल अभी भी ज्यों के त्यों बने हुए हैं ।

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