Fully Literate State: त्रिपुरा सोमवार को देश का पूर्ण साक्षर राज्य बन गया। इसके साथ ही वो मिजोरम तथा गोवा के बाद ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला देश का तीसरा राज्य हो गया। त्रिपुरा की साक्षरता दर, जो 2023-24 के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार 93.7% थी, अब 95.7% हो गई है, जो “पूर्ण साक्षर” स्थिति के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए केंद्र की ओर से निर्धारित 95% बेंचमार्क को पार कर गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने रवींद्र भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री माणिक साहा की मौजूदगी में ये घोषणा की।
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इस अवसर पर अपने संबोधन में साहा ने इस उपलब्धि को त्रिपुरा के लिए एक एतिहासिक और गौरवपूर्ण पल करार दिया। उन्होंने कहा, मिजोरम और गोवा के बाद त्रिपुरा अब भारत का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। मैं हर उस व्यक्ति को बधाई देता हूं जिसने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपना योगदान दिया। साहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साक्षरता एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि अशिक्षा से छुटकारा पाने वाले लोगों को देश के लाभ के लिए अपने कौशल को उन्नत करने के मकसद से ‘पढ़ना और लिखना’ जारी रखना चाहिए।
शिक्षा मंत्रालय के वयस्क साक्षरता विभाग की निदेशक प्रीति मीणा ने राज्य के सशक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, त्रिपुरा आज पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। केंद्र ने 2030 तक भारत को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है। त्रिपुरा में हमने 23,184 अशिक्षित वयस्कों की पहचान की और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता की।
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मीणा ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह पूर्ण साक्षर हो चुके लोगों की शिक्षा जारी रखने पर ध्यान केंद्रित करे, उन्हें पढ़ने-लिखने के लिए प्रोत्साहित करे तथा कौशल विकास और डिजिटल शिक्षा पर भी जोर दें। त्रिपुरा के शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रावल एच. कुमार ने केंद्र सरकार को उसके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।