KERALA WILD ELEPHANT: आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया गजराज। सिर में गंभीर चोट लगने के बाद इलाज के लिए इसी साल जनवरी महीने में केरल के कोडनाड में अभयारण्यम पशु आश्रय और हाथी प्रशिक्षण केंद्र लाए गए हाथी की जान नहीं बचाई जा सकी।उसने शुक्रवार को दम तोड़ दिया।ये जंगली हाथी त्रिशूर में अथिरापिल्ली के पर्यटक क्षेत्र में भटक गया था। वो घायल था और उसके सिर पर चोट थी।
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हाथी को ढूंढना और पकड़ना भी आसान नहीं था। दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद घायल हाथी को पकड़कर लाया गया।हाथी को बेहोश कर अथिराप्पल्ली जंगल से इलाज के लिए कोडनाड के पुनर्वास केंद्र भेजा गया।घायल हाथी के इलाज के लिए वन विभाग के लोग जुटे रहे। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अरुण जकारिया की अगुवाई में वन अधिकारी घायल हाथी की सेहत पर बारीकी से नजर रख रहे थे।
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हालांकि उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।अथिरापिल्ली के जिला वन अधिकारी को अंदेशा है कि घायल हाथी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई होगी। उन्होंंने बताया कि हाथी को खाने में दिक्कत हो रही थी।हालांकि हाथी की मौत की सही वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगी।
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