Ganeshotsav in Goa: गोवा में गणेश उत्सव की तैयारियों ज़ोरों पर हैं। मूर्तिकार, गणपति की मूर्तियों को फ़ाइनल टच दे रहे हैं। प्लास्टर ऑफ़ पेरिस (pop) की मूर्तियों पर प्रतिबंध के बीच गोवा के कारीगर मिट्टी की मूर्तियों से गणपति बना रहे हैं। तो पारंपरिक मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों के लिए गोवा सरकार की सब्सिडी योजना इन कारीगरों को नई संजीवनी दे रहा है। Ganeshotsav in Goa
गोवा के डॉक्टर प्रमोद सावंत सरकार पारंपरिक मिट्टी कारीगरों को 250 मूर्तियों तक के लिए 200 रुपये प्रति मूर्ति देती है। दरअसल, पीओपी से बनने वाली मूर्तियां पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाती हैं, इसलिए सरकार मिट्टी की मूर्तियों को प्रोत्साहित कर रही है, जो विसर्जन के बाद आसानी से मिल जाती हैं।
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फिलहाल, गोवा में इस योजना के तहत 450 कारीगर रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा गोवा सरकार मिट्टी मिलाने वाली मशीन भी देती है। मनोहर हरमलकर, जो अपने परिवार के साथ करीब पांच दशकों से मूर्तियां बना रहे हैं, समय पर सब्सिडी और मिट्टी मिलाने वाली मशीन मिलने से उनकी मेहनत और आसान हो गई है। साथ ही दूसरे कारीगरों को भी सरकार की इस योजना का लाभ मिल रहा है। Ganeshotsav in Goa
उत्तरी गोवा के मायेम गांव के रुपेश सेठ और उनका परिवार जून से ही मूर्ति को आकार देने का काम शुरू कर देते हैं। और पूरे परिवार एक सीज़न में करीब 500 मूर्तियां बनाते हैं। Ganeshotsav in Goa
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ऐसे में हानिकारक प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की बजाय पर्यावरण फ्रेंडली मिट्टी की मूर्तियों को लोग पसंद कर रहे हैं। गोवा सरकार की इस योजना से पारंपरिक शिल्प को संरक्षण मिलने के साथ – साथ पर्यावरण भी सुरक्षित हो रहा है। Ganeshotsav in Goa
