Gujarat: गुजरात में मोरबी की रहने वाली 16 साल की हीर ने पिछले महीने ब्रेन हैमरेज के बाद राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में दम तोड़ दिया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी हीर को बचाया नहीं जा सका। हीर के परिवार ने उसके ऑर्गन दान का फैसला कर मिसाल कायम की है। परिवार ने उसका शरीर भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए देने का फैसला किया है। हीर की तमन्ना डॉक्टर बनने की थी। गुजरात बोर्ड के 10वीं की के नतीजों में हीर को 99.7 फीसदी नंबर मिले थे। उसने मोरबी जिले में टॉप किया था।
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राजकोट बीटी सावनी किडनी अस्पताल के डॉक्टर डॉ. विशाल भट्ट ने बताया कि आज से करीब एक महीने पहले हीर प्रफुल्ल भाई खेतिया नाम की एक 16 साल की बच्ची को ब्रेन हैमरेज हो गया था। उसके बाद उसकी न्यूरोसर्जरी करनी पड़ी। न्यूरोसर्जरी के बाद वो ठिक हो गई थी तो उसे घर डिस्चार्ज कर दिया था। लेकिन घर जाने के बाद वापस उसको लंग्स और हार्ट की प्रॉब्लम्स हुईं और उसको वापस हॉस्पिटल लाना पड़ा। जब तक हॉस्पिटल पहुंचते, तब तक उसका हार्ट बंद हो गया था, तो उसको सीपीआर की मदद से वापस स्टार्ट किया गया लेकिन इस दौरान उसके ब्रेन में 80 से 90 परसेंट तक डैमेज हो गया था।
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15 तारीख को सुबह 7 बजे उसका हार्ट बंद हो गया। जैसे हार्ट बंद हुआ, डॉक्टरों की टीम ने पूरी ट्राई की हार्ट को वापस स्टार्ट करने की। लेकिन हम वापस उसको स्टार्ट नहीं कर सके और उसका देहांत हो गया। उसके बाद इतनी कम उम्र होने के बावजूद भी उसके पेरेंट्स ने हिम्मत दिखाई और उसके ऑर्गन्स को डोनेशन करने की इच्छा जाहिर की।
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