चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में सीरो सर्वे के तीसरे राउंड की रिपोर्ट को जारी करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत की और बताया कि राज्य के लोगों में सीरो पॉजिविटी दर 76.3 प्रतिशत, जिसमें शहरी 78.1
प्रतिशत और ग्रामीण 75.1 प्रतिशत पाई गई जबकि पहले सीरो राउंड में 8 प्रतिशत तथा दूसरे सीरो राउंड में 14.8 प्रतिशत पॉजिविटी दर पाई गई थी।
इस मौके पर उन्होंने सीरो सर्वें के तीसरे राउंड की रिपोर्ट की पुस्तक का भी विमोचन किया। उन्होंने बताया कि सीरो सर्वे के दौरान पुरषों में 75.3 प्रतिशत, महिलाओं में 77.1 प्रतिशत, 6 से 9 वर्ष के बच्चों में 69.8 प्रतिशत, 10 से 17 वर्ष
के बच्चों 73.2 प्रतिशत की पॉजिविटी पाई गई है जबकि टीकाकरण के पश्चात लोगों में 81.6 प्रतिशत, नॉन-वैक्सीनेटेड लोगों में 75.5 प्रतिशत की पॉजिविटी पाई गई।
उन्होंनें कहा कि यह सीरो सर्वेक्षण कोविड-19 टीकाकरण के परिणामस्वरूप या प्राकृतिक संक्रामक द्वारा सार्स एंड कोव-2 के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति का आंकलन करने के लिए किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस सर्वें में प्राकृतिक एवं टीकाकरण से उत्पन्न हुई एंटीबॉडी का पता लगाने का सर्वेक्षण किया गया और टीकाकरण के बाद बनने वाली एंटीबॉडी का स्पाइक प्रोटीन का टैस्ट भी हुआ है।
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उन्होंने बताया कि ‘‘स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक चिकित्सा विभाग, पीजीआईएमएस, रोहतक के सहयोग से हरियाणा के सभी जिलों में यह सर्वेक्षण किया गया।
सीरो सर्वेक्षण के इस दौर में सैम्पल का साइज 36,520 तक बढ़ाया गया। राज्य में किए गए पिछले सीरो सर्वेक्षणों की तुलना में यह सैम्पल साइज बहुत बड़ा था जबकि पहले दौर में 18,700 और दूसरे दौर में 15,840 का सैम्पल साइज था।
उन्होंने बताया कि गत 16 जनवरी, 2021 से स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा कोविड-19 के खिलाफ पात्र आबादी का टीकाकरण करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और इस सीरो सर्वेक्षण का संचालन करके, राज्य में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की प्रभावकारिता के बारे में एक आंकलन किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सीरो सर्वे के इस दौर को संचालित करने के लिए राज्य मुख्यालय और जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग का काम वास्तव में सराहनीय है।
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सीरो सर्वेक्षण का यह दौर पिछले दौर से बिल्कुल अलग था क्योंकि इस बार विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती 36,520 के बढ़े हुए सैम्पल के आकार की थी और दूसरा इन सभी नमूनों का परीक्षण जिला नागरिक अस्पताल, पंचकूला की लैब में किया गया, जोकि बहुत बडा कार्य था।
सेरोप्रवलेंस के परिणामों का विस्तार से खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि सीरो प्रसार अध्ययन से पता चलता है कि हरियाणा राज्य में सार्स एंड कोव-2 की समग्र सीरो-पॉजिविटी 76.3 प्रतिशत पाई गई है।
जिला कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक 85 प्रतिशत सीरो-पॉजिटिविटी देखी गई और सबसे कम फरीदाबाद में 64.2 प्रतिशत देखी गई।
फरीदाबाद में 14 प्रतिशत सैम्पल का निष्कर्ष कुछ कारणों से नहीं निकल पाया, इसलिए फरीदाबाद जिला का दौबारा सीरो सर्वें करवाया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने 18 साल से नीचे की आयु वर्ग के बच्चों हेतू वैक्सीन स्वीकृत कर दी हैं और जब भी इस आयु के बच्चों को वैक्सीन देने का कार्य शुरू होगा, उसके लिए हरियाणा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।
उन्होंने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के संबंध में कहा कि हम राज्य के हर व्यक्ति को सुरक्षा कवच कोविड के खिलाफ देने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं ताकि जब कभी कोविड की तीसरी लहर आए, तो नुकसान न हो।
उन्होंने तीसरे दौर के सीरो सर्वेक्षण में शामिल सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने डॉ. ध्रुव चौधरी, राज्य नोडल अधिकारी कोविड-19, हरियाणा और डॉ. विनोद चायल, प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, पीजीआईएमएस, रोहतक के आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन के लिए योगदान की भी सराहना की।
हालांकि , हरियाणा की अपनी आबादी की सुरक्षा के लिए कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) को लागू करना अभी भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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