यमुनानगर(राहुल सहजवानी): मौसम में बदलाव के चलते चैत्र के महीने में ही बैसाख जैसी गर्मी पड़ने लगी है। तापमान बढ़ने और गर्म हवा चलने से गेहूं की फसल जल्दी पक रही है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में इस बदलाव से फसल का उत्पादन प्रभावित होगा। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, रादौर ब्लॉक में 14 हजार 440 हैक्टेयर में गेहूं की फसल लगी है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ना भी लाजमी है।
रादौर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के खंड कृषि विकास अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव का असर इस बार गेहूं की फसल पर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा की गेहूं के जिस दाने को पकने का समय मिलना चाहिए था, वो समय से पहले पड़ रही गर्मी के कारण नहीं मिल सका है, जिस वजह से गेहूं का दाना जल्दी तैयार हो जाने के कारण उसका वेट कम होगा, जिससे फसल का उत्पादन घटेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रति एकड़ 10 से 20 प्रतिशत तक उत्पादन प्रभावित हो सकता है। वहीं, उन्होंने बदलते मौसम का मुख्य कारण ग्लोबल वर्मिंग बताया है।
मार्च महीने में ही इस बार अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। आमतौर पर इतना तापमान अप्रैल के पहले व दूसरे सप्ताह में होता है। मौसम की इस मार से गेहूं की फसल समय से पहले पक रही है। ऐसे में फसल पक जाने के कारण मार्च महीने के अंत तक इस फसल को काटना ही पड़ेगा।
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