High volume: अगर आपको भी पसंद है तेज आवाज, तो हो जाए सावधान! आपको भी हो सकती है ये बीमारियां

आज के समय में हम हर समय किसी न किसी तहर की आवाजों से घिरे रहते हैं। आज के समय में शायद ही कोई ऐसा स्थान है जहां पूर्ण रूप से शांति हो। लोग शांति ढूंढने के लिए और अपने काम से राहत पाने के लिए पहाड़ों और कई ऐसी जगह पर जाते है जहां वो केवल शांति का अनुभव कर सकें। ज्यादा देर तक तेज आवाज में रहना कई लोग पसंद करते है तो कई लोगों को तेज आवाज से परेशानी होती है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए तेज आवाज कई बार खतरनाक भी साबित होती है।

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यहीं नहीं, अधिक समय तक तेज आवाज में रहने से केवल हमारे कानों को ही नहीं बलकि हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। तेज आवाज वाले स्थान पर रहने से हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है। आइए जानते हैं कि तेज आवाज से हम किस प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

कानों में परेशानी – हमारे कानों में सबसे नाजुक परतें होती हैं जो हमारे सुनने की क्षमता को बनाए रखती हैं। तेज आवाज से इन परतों के खराब या नष्ट होने का खतरा बना रहता है। इन परतों के खराब होने से हमारे सुनने की क्षमता खत्म हो जाती है।

नींद न आना – तेज आवाज में सोना तो शायद ही किसी को पसंद हो। तेज आवाज से हमारी नींद प्रभावित होती है और नींद पूरी न होने से हमें थकान और अनिद्रा जैसी समस्या से जूझना पड़ सकता है।

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हृदय से जुड़ी बीमारी- जो लोग कमजोर हृदय के होते है उनके लिए तो तेज आवाज जानलेवा भी साबित हो सकती है। तेज आवाज से बुजुर्गों और हृदय से कमजोर लोग हार्ट अटैक, धड़कन का बढ़ना, घबराहट जैसी समस्याओं का सामना करते है।

उच्च रक्तचाप- तेज आवाज हमारे ब्लड प्रेशर पर भी गहरा असर डालती है। कई बार तेज आवाज से उच्च रक्तचाप ( high blood pressure) जैसी प्रॉबलम का भी सामना करना पड़ सकता है।

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कितनी आवाज सेहत के लिए हो सकती है खराब ?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि आजकल उपयोग होने वाले इयरफोन की आवाज 60% वॉल्यूम पर 75-80 डेसिबल तक होती है, जो पूरे वॉल्यूम पर 110 डेसिबल तक हो सकती है। 85 डेसिबल से अधिक शोर में हर दिन आठ घंटे से अधिक रहने से सुनने की क्षमता कम हो सकती है।

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