मंडी में बादल फटने से मरने वालों की संख्या हुई 14, 31 लापता लोगों की तलाश जारी

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Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से संबंधित घटनाओं में एक और शव बरामद होने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। अधिकारियों ने गुरुवार 3 जुलाई को ये जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि पांच लोग घायल हुए हैं जबकि लापता 31 लोगों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि शव जिले के थुनाग उपमंडल के रोडे में पाया गया और अबतक उसकी पहचान नहीं हो सकी है। मंगलवार 1 जुलाई को मंडी के कई हिस्सों में बादल फटने की दस घटनाएं, तीन बार अचानक बाढ़ और एक भूस्खलन की घटना हुई थी।

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अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले गुरुवार की सुबह दो शव मिले थे। उन्होंने बताया कि सात शव गोहर से, पांच थुनाग से और एक शव मंडी जिले के करसोग उपमंडल से बरामद किया गया। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के मुताबिक इस प्राकृतिक आपदाओं में 150 से ज्यादा मकान, 106 मवेशियों को रखने के लिए बनाया गया आश्रय, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्होंने बताया कि कुल 164 मवेशी मारे गए, जबकि 402 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 348 मंडी में थे। प्रभावित को लिए पांच राहत शिविर बनाए गए हैं। एसईओसी के मुताबिक खराब मौसम के कारण राज्य में पिछले कुछ दिनों में 246 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं, जिनमें से 145 मंडी जिले में हैं। इसके अलावा 404 ट्रांसफार्मर और 784 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं। उसने बताया कि सोलंग नाले के पास बाढ़ आने के कारण मनाली-केलांग मार्ग यातायात के लिए बाधित हो गया है।

इलाके में यातायात को रोहतांग दर्रे की ओर मोड़ दिया गया है। शिमला के उपनगरीय क्षेत्र ढल्ली में भारी भूस्खलन की खबर है, जहां पहाड़ी का एक हिस्सा खिसक कर नीचे आ गिरा। हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। ऊना जिले के धमांधरी ग्राम पंचायत के माजरा मनसोह गांव में गुरुवार को तड़के भारी बारिश के कारण एक पोल्ट्री फार्म में लगभग 10,000 मुर्गियों की मौत हो गई। कुक्कुट फार्म के मालिक रणवीर सिंह ने बताया कि उनके फार्म में पानी भर गया था और मुर्गियों को बचाने के लिए समय नहीं मिला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने मलबा हटाने के लिए 84 उत्खनन मशीनें, एक रोबोट, तीन डोजर और 36 टिपर लगाए हैं। उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने और खराब नेटवर्क के कारण, क्षेत्र में समन्वय एक चुनौती बना हुआ है, और दूरसंचार विभाग द्वारा थुनाग क्षेत्र में इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) को सक्रिय किया गया है।

इस बीच, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनका निर्वाचन क्षेत्र सेराज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां 500 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में गुरुवार को भी मध्यम से भारी बारिश जारी रही। सिरमौर जिले के पच्छाद में बुधवार शाम से सबसे अधिक 133.3 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने 5 से 7 जुलाई तक तीन से सात जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, तथा सप्ताहांत तक जनजातीय किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।

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विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में हल्के से मध्यम स्तर की अचानक बाढ़ आने की भी चेतावनी दी है। शिमला जिले का सराहन रात में सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि हमीरपुर दिन में सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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