देश की राजधानी दिल्ली में रहने वालों के लिए बड़ी खबर है। दिल्ली की आप सरकार की ओर से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को जल्द ही बंद किया जा सकता है।
सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से हाल में ही एलान किया गया था कि उनकी सरकार बिजली की सब्सिडी पर जनता से सवाल पूछेगी। कैबिनेट में फैसला किया गया था कि अब सरकार दिल्ली के लोगों से पूछेगी कि उन्हें बिजली के बिल पर सब्सिडी चाहिए या नहीं। इसके बाद जनता के जवाब पर ही ये तय किया जाएगा कि किसको सब्सिडी दी जाएगी और किसे सब्सिडी नहीं मिलेगी।
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जानकारी के मुताबिक सरकार की ओर से 1 अक्टूबर 2022 के बाद दिल्ली के लोगों को बिजली पर सब्सिडी लेने या नहीं लेने का नियम लागू हो जाएगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है। एक अधिकारी के मुताबिक जो लोग मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करते हैं वो डिस्कॉम और मोबाइल एप के जरिये अपना फीडबैक दे सकते हैं और जो लोग ऐसा नहीं कर पाएंगे वो बिजली दफ्तर जाकर सब्सिडी लेने या नहीं लेने वाले फॉर्म को भरकर जमा करवा सकते हैं।
दिल्ली में 58 लाख से ज्यादा बिजली कनेक्शन हैं जिनमें से घरेलू कनेक्शन पर ही बिजली पर सब्सिडी दी जाती है। मौजूदा समय में 5 कैटेगरी में लोगों को बिल पर सब्सिडी दी जाती है। इसमें 0 से 200 यूनिट हर महीने खर्च करने वालों को बिजली का बिल नहीं जमा करवाना पड़ता यानि कि उनकी बिजली पूरी तरह से फ्री होती है जबकि 201 से 400 यूनिट तक हर महीने खर्च करने वालों को बिल पर 800 रूपये की सब्सिडी दी जाती है। सिख दंगा पीडि़तों के परिवार को 400 यूनिट तक बिजली का बिल आने पर पैसा नहीं जमा करवाना पड़ता। दिल्ली के किसानों को भी 125 यूनिट पर सब्सिडी दी जाती है इसके साथ ही उन्हें हर महीने 105 रूपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी अलग से मिलती है। पांचवी कैटेगरी में दिल्ली के वो वकील आते हैं जिनके चैंबल कोर्ट परिसर में हैं। ऐसे वकीलों को 200 यूनिट तक 100 फीसदी सब्सिडी दी जाती है और 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर 800 रूपये की सब्सिडी दी जाती है।
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