(प्रदीप कुमार) – संसदीय समिति ने आज समान नागरिक संहिता पर बैठक की।इसमें विधि आयोग और विधि मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था।बीजेपी सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्थायी समिति ने समान नागरिक संहिता पर उनके विचार जानने के लिए इन प्रतिनिधियों को बुलाया था। ख़बर है कि विपक्षी दलों ने इस विवादित मुद्दे पर परामर्श शुरू करने के विधि आयोग की पहल के समय पर सवाल उठाए। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और द्रमुक समेत ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्यों ने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले को आगे बढ़ाया गया है।
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पिछले महीने विधि आयोग ने ‘व्यक्तिगत कानूनों की समीक्षा’ विषय के तहत यूसीसी पर विभिन्न हितधारकों की राय जानने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था।सूत्रों के मुताबिक विधि मामलों पर संसद की समिति के अध्यक्ष सुशील मोदी ने पूर्वोत्तर समेत देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले आदिवासियों को समान नागरिक संहिता UCC के दायरे से बाहर रखने की वकालत की। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि सभी कानून में कुछ अपवाद होते हैं।
संसदीय समिति को विधि आयोग के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी है कि 14 जून को UCC पर सार्वजनिक नोटिस जारी किए जाने के बाद अब तक 19 लाख सुझाव मिले हैं। लोगों की राय और सुझाव लेने की यह प्रक्रिया 13 जुलाई तक चलेगी। सूत्रों के मुताबिक 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में UCC पर विधेयक पेश किए जाने की संभावना बहुत कम है। सूत्रों ने यह भी बताया कि बैठक में समिति के 31 में से 17 सदस्य उपस्थित रहे।
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