Jammu: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को श्री माता वैष्णो देवी चिकित्सा उत्कृष्टता संस्थान में पहले दाखिले पर बीजेपी के रुख पर कड़ी आपत्ति जताई। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बिना योग्यता के एमबीबीएस सीटें देने के किसी भी कदम के लिए सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी। अब्दुल्ला ने कहा कि संविधान में एक शब्द है, ‘धर्मनिरपेक्ष’, और अगर वे (बीजेपी) देश को धर्मनिरपेक्ष नहीं रखना चाहते, तो उन्हें पहले इस शब्द को हटा देना चाहिए।Jammu:
Read Also- Stock Market: शेयर बाजार में दूसरे दिन भी गिरावट जारी, सेंसेक्स 331 अंक टूटा
अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में सात चूना पत्थर ब्लॉकों की ई-नीलामी के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी चिकित्सा उत्कृष्टता संस्थान (एसएमवीडीआईएमई) की पहली सूची में एक विशेष समुदाय के अधिकांश उम्मीदवारों के चयन को लेकर हो रहे “हंगामे” को वो समझ नहीं पा रहे हैं।केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी और उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी भी लगभग 314 हेक्टेयर भूमि की ई-नीलामी में मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा, “जब विधानसभा ने माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक पारित किया था, तब ये कहां लिखा था कि किसी विशेष धर्म के छात्रों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा? उस समय कहा गया था कि प्रवेश धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि केवल योग्यता के आधार पर दिए जाएंगे। Jammu: “
Read Also- राम नाम से गूंजा काशी विश्वनाथ धाम, ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने 61 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल जाएगा अयोध्या
एसएमवीडीआईएमई को इस वर्ष 50 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत की गई थीं। हालांकि, शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए पहले बैच में एक विशेष समुदाय के 42 छात्रों को दिए गए प्रवेश ने विवाद को जन्म दे दिया है। दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और नव-स्थापित संस्थान को “अल्पसंख्यक संस्थान” का दर्जा देने की मांग की है। हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया कि प्रवेश योग्यता के आधार पर दिए गए थे क्योंकि संस्थान को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया गया था और इसलिए, धर्म के आधार पर कोई आरक्षण मानदंड लागू नहीं किया जा सकता था।Jammu:
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter
