Jammu-Kashmir: ईद-उल-अजहा नजदीक है। इस मौके पर कुर्बानी के लिए बड़ी संख्या में जानवर कश्मीर (Jammu-Kashmir) लाए जा रहे हैं। घाटी में रोजाना आने वाले जानवरों के 70 से 80 ट्रकों में ज्यादातर राजस्थान से हैं।
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श्रीनगर के ईदगाह में सबसे बड़ी मंडी है। यहां देश भर से अच्छी क्वालिटी की भेड़-बकरियां लाई जा रही हैं। कश्मीर बूचर्स यूनियन को उम्मीद है कि त्योहार के दौरान कुर्बानी के लिए जानवरों की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नियमों में बदलाव से जानवरों का व्यापार आसान हुआ है। ईद-उल-अजहा इस्लाम में मनाए जाने वाले दो बड़े त्योहारों में एक है। ये पूरे देश में 16-17 जून को मनाया जाएगा।
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ऑल कश्मीर बूचर्स यूनियन के महासचिव हिलाल अहमद ने बताया कि बहुत सारी वैरायटी होती है, सिर्फ एक ही किस्म के नहीं होते हैं। इसमें बहुत सारी जैसलमेरी होता है। चित्रानी होता है, बावलपुरी होता है,काजू होता है, इसमें बहुत सारी वैरायटी होती है। कई सालों से ये ईदगाह में ये सारा माल जमा हो जाता है। अभी पिछले एक साल से वहां बाहर के व्यापारी भी डायरेक्टली इधर आते है वो माल बेचते है डायरेक्टली। मटन नियंत्रण अधिनियम के निरस्त होने के कारण, दिल्ली से व्यापारी डायरेक्टली यहां आ रहे हैं। उससे लोगों का ही फायदा है।
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