Jammu Kashmir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार 6 जून को श्रीनगर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाना न केवल घाटी के लोगों के लिए ईद का तोहफा था, बल्कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक क्षण भी था। कश्मीर घाटी के लोगों के लिए ये ट्रेन न सिर्फ हर मौसम में आने-जाने के लिए एक भरोसेमंद साधन बन गई है बल्कि इससे इलाके में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है।
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बता दें, श्रीनगर रेलवे स्टेशन पर रविवार को वंदे भारत ट्रेन के वाणिज्यिक परिचालन के पहले दिन बड़ी संख्या में यात्री उत्सुकता से कतार में खड़े दिखे। कटरा रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेन में सवार हो रहे यात्रियों के बीच कुछ ऐसा ही जोश दिखा। ये वंदेभारत ट्रेन चिनाब पुल से होकर गुजरेगी, जिसे इंजीनियरिंग का एक चमत्कार माना जा रहा है। साथ ही ये दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क ब्रिज है जो जम्मू के रियासी जिले के बक्कल और कौरी के दूरदराज के गांवों को जोड़ता है।
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इस खास पुल को मुश्किल हालातों से भरे इलाके और यहां के बेहद सर्द मौसम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। ये पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा को झेल सकता है और 120 सालों तक जस का तस खड़ा रहेगा। हिमालय की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों में 272 किलोमीटर तक फैली इस परियोजना को 43,780 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें 119 किलोमीटर तक फैली 36 सुरंगें और घाटियों, चोटियों और पहाड़ी दर्रों को जोड़ने वाले 943 पुल शामिल हैं।
