Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) में कुर्मी समाज ने अपने समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर शनिवार यानी की आज 20 सितंबर की सुबह कई रेलवे स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। Jharkhand
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प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू की है, इसके बावजूद यह आंदोलन किया जा रहा है। ‘आदिवासी कुर्मी समाज’ (एकेएस) के बैनर तले प्रदर्शनकारी रांची के राय स्टेशन, गिरिडीह के पारसनाथ और बोकारो जिले के चंद्रपुरा स्टेशन पर रेल पटरियों पर बैठे देखे गए। इसके कारण दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न मंडलों में रेल सेवाएं प्रभावित हुईं।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों को समझाकर रेल पटरियों से हटाने के प्रयास में जुटे हैं।आंदोलन के मद्देनजर रांची प्रशासन ने जिले के अलग-अलग स्टेशनों के 300 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह आदेश मुरी, सिल्ली, खलारी और टाटीसिलवे में शुक्रवार रात आठ बजे से 21 सितंबर सुबह आठ बजे तक प्रभावी रहेगा। पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूम अनुमंडल के टाटानगर, गोविंदपुर, राखा माइंस और हल्दीपोखर स्टेशनों पर भी 100 मीटर के दायरे में इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। Jharkhand
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आदेशों के अनुसार, प्रदर्शन, धरना, पुतला दहन या घेराव, लाठी-डंडे और धनुष-बाण जैसे किसी भी प्रकार के हथियार लेकर चलना, शांति भंग करने के इरादे से पांच या उससे अधिक लोगों का इकट्ठा होना, और जनसभा करना प्रतिबंधित किया गया है। ‘आदिवासी कुर्मी समाज’ के सदस्य और ‘कुर्मी विकास मोर्चा’ के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से रेलवे पटरियों पर विरोध जता रहे हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को पुलिस को निर्देश दिए थे कि आंदोलन के दौरान पत्थरबाजी रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ाई जाए। उन्होंने अतिरिक्त बलों की तैनाती, सुरक्षा उपकरणों से लैस बलों की व्यवस्था, संवेदनशील स्टेशनों पर सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की तैनाती और रेलवे पुलिस के साथ समन्वय बनाकर काम करने को कहा था।