Joshimath Disaster: टूटी और धंसी हुई सड़कें, दीवारों में चौड़ी होती दरारें और झुकी हुई ये इमारतें एक गंभीर खतरे का संकेत दे रही हैं।पहाड़ों की रानी मसूरी की ये तस्वीरें जोशीमठ में 2023 में आई भयावह आपदा की यादें ताजा कर रही हैं।लैंडोर बाजार से घंटाघर तक लगातार जमीन धंसने और हाल ही में हुए भूस्खलन से शहर का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।कभी एक समृद्ध पर्यटन स्थल रहा मसूरी अब भूस्खलन के खतरे को लेकर ज्यादा संवेदनशील और धीरे-धीरे कटाव का शिकार हो रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में लगातार भय का माहौल बना हुआ है।Joshimath Disaster
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घरों और दुकानों में दरारें दिन ब दिन बड़ी होती जा रही हैं और स्थानीय लोग अपनी बिल्डिंग को खराब होते हुए सिर्फ असहाय होकर ही देख रहे हैं।
कई परिवारों को अब डर सताने लगा है कि अगर उनके घरों को कुछ हुआ तो वे कहां पर रहेंगे।लोगों का कहना है कि पर्यावरणीय रूप से नाजुक इस क्षेत्र के सर्वेक्षण तो हुए हैं। लेकिन वक्त रहते कोई कार्रवाई ना हो पाना उनकी दिक्कतें बढ़ा रहा है। लोगों का आरोप है कि उनकी सहायता के लिए अभी तक कोई आगे नहीं आया है।Joshimath Disaster Joshimath Disaster Joshimath Disaster Joshimath Disaster
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नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के बाद उन्होंने क्षेत्र को खतरा होने की पुष्टि की है, साथ ही अपने उच्च अधिकारियों से आगे हस्तक्षेप करने की अपील की है।इस बीच, सरकारी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के बाद आए नतीजों के मुताबिक रखरखाव कार्य आगे बढ़ेगा और फिर पुनर्वास को लेकर उपाय किए जाएंगे।इस मानसून में मसूरी के निचले इलाकों में भारी तबाही हुई है और लोगों को जोशीमठ आपदा जैसे हालात होने का डर सताने लगा है। स्थानीय लोगों ने सरकार से तुरंत मदद की अपील की है, इससे पहले की हालात भयावह हो जाएं
