Kanwar Yatra Nameplate Controversy: सावन के साथ ही कावंड तीर्थयात्रियों की यात्रा भी शुरू हो जाती है। जिसके लिए वे पूरी तरह से कोशिश करते हैं कि उनके खाने या ठहरने के स्थान पर पूरी तरह से शुद्धता बनी रहे। कावंड तीर्थयात्रियों की भक्ती को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने नए निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि अब से कावंड तीर्थ यात्रियों के मार्ग में पड़ने वाली दुकानों, भोजनालयों और रेस्टोरेंट आदि के मालिकों को अपने नाम की नेम प्लेट लगानी होगी ताकि भोजन में शुद्धता बनी रहे। जिससे कावंडियों के मन में भी भोजन और स्थान को लेकर कोई प्रश्न या शुद्धता पर कोई शक ना हो।
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बता दें, जब से सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये फरमान जारी किया है तब से ही विपक्ष ने इसको आड़े हाथों लेना शुरु कर दिया। विपक्ष CM योगी के इस फैसले की आलोचना कर रहा है। विपक्ष ने उनके इस फैसले को विभाजनकारी और सांप्रदायिक राजनीति का रूप बताया है। इसी को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। योग गुरु रामदेव बाबा ने एक बयान जारी किया है।
बाबा रामदेव ने ऐसा क्या कहा ?- योग गुरु ने इस फैसले पर कहा कि जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को भी नहीं होनी चाहिए? अपने नाम पर गौरव सबको होता है, नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, काम में शुद्धता चाहिए बस।’ यूपी सरकार ने जब इस फैसले को अमल किया तो इसके बाद इस पथ पर उत्तराखंड सरकार भी चल पड़ी। यूपी के बाद उत्तराखंड ने भी तीर्थयात्रियों के भरोसे और शुद्धता के लिए दुकानों और भोजनालयों पर मालिक को नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया है।
विपक्ष ने उठाए आदेश पर सवाल- विपक्षी दलों ने इस पूरे फैसले को ‘कट्टरता’ और ‘मुस्लिम’ को टारगेट करने वाली कार्रवाई का नाम दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार के फैसले को नकारते हुए कहा कि ‘ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, सरकार शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहती है।’ अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस फैसले की आलोचना की। मायावती ने राज्य सरकार के फैसले को असंवैधानिक ठहराते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने चुनावी लाभ के लिए इस आदेश को जारी किया है। कांग्रेस के नेता अजय राय ने फैसले की निंदा करते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग की है।
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BJP ने अपने पक्ष में क्या कहा ? – यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए दुकानों के नाम पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम दुकानदार हिंदू देवी देवता के नामों की आड़ में नॉन-वेज बेचते हैं। BJP के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा था कि जिस क्षेत्र में आदेश पारित किया गया वहां रहने वाले मुस्लिमों को इससे कोई समस्या नहीं है। विपक्ष पर पलटवार करते हुए उन्होंने पूरे मुद्दे को राजनीतिकरण का नाम दे दिया। साथ ही यूपी पुलिस ने इस मामले को साफ करते हुए कहा कि इस आदेश का इरादा कोई धार्मिक भेदभाव करना नहीं है बल्कि शिव भक्तों की आस्था बनाए रखने के लिए और उन्हें शुद्ध भोजन देने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।