Arjun Ram Meghwal : केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को इस आम धारणा को तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों के लिए अपील किया, जिसमें भारत में न्याय प्रणाली तारीख पर तारीख के कल्चर से ग्रस्त है।उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रयासों से नागरिकों के बीच इंसाफ को लेकर विश्वास और गहरा होगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस दो दिवसीय जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में सामान्य मानवीय के लिए न्याय प्रथम के लिए भूमिका निभाने वाले डिस्ट्रिक ज्यूडिशरी से संबंधित सभी स्टेक होल्डर्स से संबंधित सभी पहलूओं पर विस्तार से चिंतन-मनन और मंथन किया गया है।
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मेरा मानना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कैपिसिटी बिल्डिंग, ज्यूडिशियल स्कूटनी और ज्यूडिशियल वेलनेस, समावेसी कोर्ट रूम बनाने के लिए सभी पहलूओं पर गंभीरता से विचार किया गया है। मुझे विश्वास है कि ये फ्यूचरिस्टिक विजन को समाहित किए हुए ये सुझाव न केवल ज्यूडिशियल फैटर्निटी के लोगों के लिए इड ऑफ वर्किंग बढ़ाएंगे बल्कि इस ऑफ जस्टिस के माध्यम से इज ऑफ लिविंग का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
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आज भारत मंडपम में उपस्थित हम सभी लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम न्यायिक व्यवस्थाओं को लेकर बने तारीख पर तारीख के कल्चर के कॉमन पर्सेप्शन का प्रण लेकर निकलें और एक ऐसा इको सिस्टम बनाने के लिए अपने आप को समर्पित करें, जहां अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति नागरिक पहले, न्याय पहले, सम्मान पहले की भावना महसूस करे।”केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में हुए जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया।
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