Maharashtra: बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने बुधवार को प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू काडू और उनके समर्थकों को शहर के बाहरी इलाके में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया, जहां वे पूर्ण कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की अवकाश पीठ ने मीडिया रिपोर्टों से इस मुद्दे का स्वतः संज्ञान लिया।पीठ ने कहा कि काडू और उनके समर्थक बिना अनुमति के आंदोलन जारी रखे हुए हैं।Maharashtra:
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अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती, लेकिन तथ्य यह है कि एक सार्वजनिक सड़क, विशेष रूप से एक राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध है, जो निश्चित रूप से नागरिकों के भारत के किसी भी क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आवागमन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।अदालत ने कहा, “ऐसी स्थिति में न्यायपालिका की भूमिका सक्रिय प्रकृति की होनी चाहिए, क्योंकि वो हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षक है।”महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू काडू के नेतृत्व में हजारों प्रदर्शनकारी ‘महा एल्गार मोर्चा’ में भाग ले रहे हैं।Maharashtra:
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उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि 26 अक्टूबर को पुलिस ने काडू को 28 अक्टूबर को नागपुर के मौज़ा परसोड़ी में केवल एक दिन के लिए आंदोलन करने की अनुमति दी थी।उच्च न्यायालय ने कहा, “प्रथम दृष्टया ये स्पष्ट है कि बिना किसी अनुमति के, आंदोलन/विरोध अभी भी जारी है और आम जनता की समस्याएं बढ़ गई हैं।”पीठ ने काडू को और उनके समर्थकों को आंदोलन स्थल से तुरंत हटने का आदेश दिया।उच्च न्यायालय ने कहा कि ये निष्कासन शांतिपूर्ण तरीके से होगा और कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक शांति में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।यदि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है, तो कडू और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।Maharashtra:
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