Make in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गिनी गणराज्य को निर्यात के लिए बिहार के मरहौरा कारखाने में निर्मित पहले लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे।मरहौरा सुविधा तीन वर्षों में अफ्रीका के गिनी में सिमफेर के सिमंडौ लौह अयस्क परियोजना के लिए 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 150 इंजनों की आपूर्ति करेगी।रेलवे बोर्ड के अधिकारी दिलीप कुमार के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 37 लोकोमोटिव, अगले वर्ष 82 और शेष 31 तीसरे वर्ष में वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी लोकोमोटिव में वातानुकूलित केबिन होंगे और वे अधिकतम स्वीकार्य गति से जोड़े में 100 वैगनों को खींचने में सक्षम होंगे।
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रेल मंत्रालय ने कहा है कि इन लोकोमोटिव के निर्माण के लिए मरहौरा कारखाने में तीन प्रकार की पटरियाँ – ब्रॉड गेज, स्टैंडर्ड गेज और केप गेज – बिछाई गई हैं। निर्यात परियोजना को वैश्विक प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से सुरक्षित किया गया था, जो विश्व स्तरीय विनिर्माण में भारत की क्षमताओं को उजागर करता है।दिलीप कुमार ने कहा कि ये लोकोमोटिव अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ उत्सर्जन मानकों, अग्नि पहचान प्रणालियों और एर्गोनोमिक क्रू केबिनों से सुसज्जित होंगे, जिनमें रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव और जलरहित शौचालय जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी।
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उन्होंने कहा, “वे समन्वित संचालन और बेहतर माल ढुलाई के लिए DPWCS (डिस्ट्रिब्यूटेड पावर वायरलेस कंट्रोल सिस्टम) से सुसज्जित हैं। यह मढ़ौरा कारखाने को लोकोमोटिव निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करता है, जिससे स्थानीय रोजगार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलता है।मंत्रालय ने कहा कि निर्यात से गिनी की सबसे बड़ी लौह अयस्क परियोजना के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण और भारत-अफ्रीका आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।