Mallikarjun Kharge: संसद में कई बार किसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान माहौल इतना गर्म हो जाता है कि उनसे कई बार नेताओं को ठेस तक पहुंच जाती है। बहस इतनी व्यक्तिगत हो जाती है कि कटाक्ष करते-करते शब्दों की मर्यादा छिन्न-भिन्न हो जाती है। ऐसा ही कुछ बजट सत्र पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में भी हुआ है जब मल्लिकार्जुन खरगे भावुक हो गए और उन्होंने यह तक कह दिया कि “मैं और नहीं जीना चाहता”। इसके अलावा उन्होंने सदन में परिवारवाद पर भी केंद्र सरकार पर पलटवार किया है।
आपको बता दें, बीते दिन मंगलवार को संसद की कार्यवाही के चलते BJP सांसद घनश्याम तिवारी ने मल्लिकार्जुन के नाम को लेकर कटाक्ष किया, जिसे लेकर खड़गे बुधवार को काफी आहत नजर आए। इस कटाक्ष को रिकॉर्ड में न रखने को लिए खड़गे ने सभापति से आग्रह भी किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी बातों पर गौर किया जाएगा और उस कटाक्ष को रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा।
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घनश्याम तिवारी ने किया था ये कटाक्ष-
मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में बताया कि घनश्याम तिवारी ने उनके नाम और परिवारवाद को लेकर तंज कसा था। तिवारी ने कहा था कि उनका नाम मल्लिकार्जुन है, जोकि शिव का नाम है। उनका नाम शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। घनश्याम तिवारी के इस बयान से मल्लिकार्जुन को आघात पहुंचा। इस बयान के बाद आज की संसद कार्यवाही में खड़गे उदास नजर आए।
सदन में भावुक हुए मल्लिकार्जुन –
राज्यसभा में अपनी बात रखते समय भावुक हुए मल्लिकार्जुन खड़गे का गला भर आया। इस दौरान उन्होंने घनश्याम तिवारी की टिप्पणी पर कहा कि मल्लिकार्जुन शिव का नाम है जोकि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मेरे पिता ने बहुत सोचकर मेरा यह नाम रखा था। उनको मेरे नाम से क्या तकलीफ है। खड़गे ने यह तक कह दिया कि इस माहौल में मैं और नहीं जीना चाहता। इस पर सभापति ने उन्हें कहा कि अभी आप और जिएंगे और इससे भी आगे जांएगे।
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परिवारवाद के आरोप पर तमतमाए खड़गे-
मल्लिकार्जुन खड़गे ने परिवारवाद के आरोप पर आक्रोश दिखाते हुए कहा कि पॉलिटिक्स में मैं अकेला हूं, मेरे बाप नहीं थे, मां नहीं थी, पिताजी ने मुझे पाला पोषा। यहां तक मैं उनके ही आशीर्वाद से आया हूं। इनको इस बात से भी दिक्कत है। बाद में सत्ता पक्ष पर गुस्सा करते हुए खड़गे बोले कि मेरे सामने यहां बैठे कई लोगों का पूरा खानदान ही पॉलिटिक्स में हैं, अगर परिवारवाद निकालने पर आए तो यहां बहुत लोग बैठे हैं। सभापति ने आश्वासन देते हुए कहा कि वह तिवारी के बयान को फिर से देखेंगे। उनका मकसद खड़गे को आहत करने का नहीं था लेकिन फिर भी इसे बारीकी से देखा जाएगा।
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