ISRO: मार्स ऑर्बिटर मिशन यानी MOM के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और मंगल मिशन शुरू करने की योजना बना रहा है। यह मिशन मार्स लैंडर मिशन (MLM) के नाम से जाना जाएगा। मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) को मंगलयान कहा जाता था, अब दूसरे मिशन यानी मिशन मार्स लैंडर मिशन (MLM) को मंगलयान-2 कहा जा सकता है।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) मंगल ग्रह पर मार्स लैंडर मिशन को भेजने से पहले एक ऑर्बिटर भेजेगा। यह एक कम्यूनिकेशन रिले ऑर्बिटर (Communication Relay Orbiter) होगा। यानी यह इसरो से मंगल ग्रह पर उतरने वाली भारतीय स्पेसक्राफ्ट यानी लैंडर से संपर्क में रखने का काम करेगा। यानी की यह फोन एक्सचेंज की तरह काम करेगा। मंगल ग्रह के वायुमंडलीय डायनेमिक्स को समझने का प्रयास करने के लिए इस पर IR और VNIR कैमरा होगा। फिलहाल इसरो के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लॉन्च होने की संभावना साल 2031 जताई जा रही है। नासा का क्यूरियोसिटी रोवर मंगल ग्रह की सतह पर स्काई क्रेन से उतारा गया था। इसरो भी ऐसी तकनीक विकसित कर सकता है।
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LVM-3 रॉकेट मार्स लैंडर मिशन (MLM) को लॉन्च करेगा। यह एक बड़ा रॉकेट है। जो बड़े स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में पहुंचाने में सक्षम है। इससे पहले मार्स कम्यूनिकेशन रिले ऑर्बिटर को PSLV रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। MLM को मंगल की सतह पर उतरने के लिए सुपरसोनिक पैराशूट लगाया जाएगा। साथ ही एयरो-डायनेमिक डिजाइन भी बनाना होगा और रोवर के लिए स्काई-क्रेन भी बनाना होगा। जैसा कि नासा ने क्यूरियोसिटी रोवर को उतारने के लिए डिजाइन किया था।
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