Mental Health: आजकल डिप्रेशन एक बहुत गंभीर मानसिक बीमारी बन गई है। व्यस्त लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से ये लोगों को ज्यादा ट्रिगर कर रही है। ज्यादातर लोग अब इस बीमारी को गंभीरता को समझने लगे हैं लेकिन सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब छोटे बच्चे भी डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। आखिर इसकी क्या वजह से आइए एक्सपर्ट्स की राय को समझते हैं।
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दरअसल, आजकल की बिजी लाइफस्टाइल की वजह से अन्य बीमारी की ही तरह डिप्रेशन भी अब आम बात हो गई है। लोगों का खुद का ख्याल न रखना, प्रोपर नींद न लेना, उचित आहार न लेना इसका मुख्य कारण बन रहा है। लेकिन इस समय जो सबसे ज्यादा चिंताजनक बात है वो ये है कि अब छोटे बच्चे भी डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। एक उम्र के बाद रिश्तों में तनाव, घर की जिम्मेदारी, वर्कलोड की के कारण डिप्रेशन होने से सभी परिचित हैं लेकिन खेलने-कूदने की उम्र में बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं इस बात ने सभी को हैरान कर दिया है।
गौर करने वाली बात ये है कि अक्सर माता-पिता बच्चे के कार्टून देखने को इग्नेर कर देते हैं फिर चाहें वो टीवी हो या फिर मोबाइल फोन दोनों ही बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अक्सर ये देखा जाता है कि एक ही खेल को बार बार खेलने से वो बच्चों में दिमाग पर जोर डालने लगता है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नुकसान पहुंचता है।
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब अधिकांश घरों में दोनों माता-पिता काम करते हैं और बच्चों को अकेले छोड़ दते हैं। ऐसे में बच्चों में गुस्सा या डर देखा जाता है, जिससे वो चुप-चुप से रहते हैं। साथ ही आज बहुत कम घरों में दादा-दादी हैं, जो बच्चों को अपने अतीत बता सकें या कहानियां सुना सकें। ऐसे में अकेलापन बच्चों की मानसिक सेहत को खराब करता है। अब बच्चों के आत्महत्या के मामले भी सामने आ रहे हैं जो वाकई में डराने वाली बात है। यहीं कारण है कि माता-पिता को अपने बच्चों को अपना समय देना चाहिए, चाहे वे कितना भी व्यस्त क्यों न हों।
