Momos Side Effects : मोमोज बने स्लो पॉइजन, रोजाना खाने से बढ़ सकता है गंभीर बीमारियों का खतरा

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Momos Side Effects : सड़क किनारे पकते मोमोज़ से उठती गर्म भाप और तीखी खुशबू भला किसे अपनी ओर नहीं खींचती? नेपाल से आया यह छोटा, किफायती और बेहद स्वादिष्ट स्नैक अब भारत के शहरों की खाद्य संस्कृति का अहम हिस्सा बन चुका है। हर दिन मोमोज की दुकानों पर लगी भीड़ इसका प्रमाण है।

कई लोग तो मोमोज के इतने शौकीन होते हैं कि वे लगभग रोज ही इसे खा लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि रोजाना मोमोज खाने की आदत आपकी सेहत पर क्या प्रभाव डाल सकती है? यह जानकर आप हैरान भी हो सकते हैं। आइए समझते हैं कि लगातार मोमोज खाने से शरीर पर क्या असर पड़ता है।Momos Side Effects  Momos Side Effects  Momos Side Effects Momos Side Effects 

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पेट की दिक्कतें और पोषक तत्वों की कमी-मोमोज की बाहरी परत आमतौर पर मैदे से तैयार की जाती है, जिसमें फाइबर लगभग न के बराबर होता है। फाइबर पाचन के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह भोजन को आंतों में आसानी से आगे बढ़ने में मदद करता है। इसकी कमी से कब्ज, गैस, अपच और पेट फूलने जैसी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

इसके अलावा, मोमोज में कार्बोहाइड्रेट तो भरपूर होता है, लेकिन आवश्यक प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है। यानी रोजाना मोमोज खाने से शरीर को कैलोरी तो मिलती है, लेकिन जरूरी पोषण नहीं, जिससे न्यूट्रिशनल असंतुलन हो सकता है।मोमोज के साथ दी जाने वाली लाल चटनी भी चिंता बढ़ाती है। यह चटनी आमतौर पर ज्यादा सोडियम और अस्वास्थ्यकर वसा से भरपूर होती है। अधिक नमक शरीर में पानी रोकने लगता है, जिससे पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ता है और ब्लड प्रेशर भी ऊपर जा सकता है।Momos Side Effects  Momos Side Effects 

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वजन बढ़ने का खतरा- आपको बता दें कि मोमोज में खाली कैलोरी होती हैं. यानी ऐसी कैलोरी जो ऊर्जा तो देती हैं लेकिन पोषण नही . रोजाना ऐसी अतिरिक्त कैलोरी लेना धीरे – धीरे वजन बढाने का कारण बन सकता हैं

ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव- मैदा एक रिफाइंड कार्ब है, जो शरीर में तेजी से ग्लूकोज में बदल जाता है। इससे ब्लड शुगर तुरंत बढ़ता है और थोड़ी देर बाद अचानक गिर जाता है। लंबे समय तक ऐसा होते रहने से इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो सकती है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

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