Israel Iran Conflict: युद्धग्रस्त ईरान से आर्मेनिया के रास्ते निकाले गए 100 से ज्यादा छात्रों को लेकर पहली उड़ान गुरुवार को तड़के दिल्ली आ गई। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच, तेहरान में भारतीय छात्रों को शहर से बाहर निकाला गया, जिनमें से 110 छात्र मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारतीय दूतावास की तरफ से की गई व्यवस्था के माध्यम से सीमा पार करके आर्मेनिया चले गए।
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जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने निकासी अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को धन्यवाद दिया।एक छात्र अम्मान ने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है वापस आकर और सिचुएशन वहां पर थोड़ी है वर्स्ट। अभी और ज्यादा है जैसे अभी तेहरान में अभी जाकर और भी स्टूडेंट्स वहां पर हैं।उनके लिए बहुत प्रोब्लम्स हैं और हम जो हैं सेफली आ गए। इंडियन गवर्नमेंट का बहुत-बहुत शुक्रिया और वी लव इंडिया।
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बैशाता बशीर खान, छात्रा: हम पहले छात्र हैं जिन्हें इवेक्युएट किया गया वहां से। हमें नहीं पता था ये एक्शन इतना स्विफ्ट और इतना इमीजिएट होगा। हम दुविधा में थे कि क्या करें? हमें अपना सामान पैक करना चाहिए या नहीं। शाम को हमें एक मेसेज ड्रॉप किया गया कि हमें रीलोकेट किया जाएगा कल को। हमें नहीं पता था कि हमें इवेक्युएट किया जाना है। ये हम नहीं जान सकते पर फिर सुबह हमें रीलोकेट किया गया आर्मेनिया में और फिर 24 घंटे के भीतर हमें निकाल लिया गया।
छात्रा: वहां की स्थिति बहुत भयावह थी। हमारे पड़ोस पर हमला हुआ। फिर स्थिति और भी खतरनाक हो गई। हम वहां के नहीं थे। जब भारत सरकार ने हमें निकालने के लिए इंतजाम किए, तो ऐसा लगा जैसे हमारी मां हमारी चिंता कर रही है। ऐसा लगा जैसे हम घर पर हैं। हमें पहले आर्मेनिया भेजा गया। अर्मेनियाई सरकार वाकई बहुत अच्छी थी। हम जहां भी गए, उन्होंने हमें सुरक्षा के साथ रखा। उन्होंने हमें रहने की जगह भी दी और हमारी बसें जहां भी गईं, वहां सुरक्षा दी। वे हमारे साथ बहुत अच्छे थे। आखिरकार, हमें विमान से निकाला गया।”