Navratri: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को पूरे देश में भक्ति, आस्था और उल्लास का माहौल रहा।दिल्ली से लेकर वाराणसी तक, हरिद्वार से लेकर मुंबई तक मंदिरों में मां दुर्गा के जयकारों से गूंज रहे हैं।दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में भोर से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां का आशीर्वाद पाने के लिए उमड़ पड़े। ये दुर्गा को समर्पित सबसे प्राचीन और सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है।नौ दिवसीय उत्सव का पहला दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है।Navratri
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वाराणसी के शैलपुत्री मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार दर्शन के लिए धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी ताकि वे पूजा-अर्चना करके देवी की कृपा पा सकें।पवित्र नगरी अयोध्या में छोटी देव काली मंदिर में भारी भीड़ देखी गई, जहां माना जाता है कि सच्ची भक्ति से हर मनोकामना पूरी होती है।कुछ पुजारियों के अनुसार इस साल नक्षत्रों का संयोग दुर्लभ और शुभ है और नवरात्रि सामान्य नौ दिनों की बजाय दस दिनों तक मनाई जाएगी।हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, जहां हजारों लोग सुबह से ही शिवालिक पहाड़ियों पर देवी मनसा के दर्शन के लिए इकट्ठा हुए।Navratri
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शिमला के प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर में भक्तिमय भजनों की गूंज के साथ शरद नवरात्रि पारंपरिक उत्साह के साथ शुरू हुई।श्रद्धालु धैर्यपूर्वक कतारों में खड़े होकर मां की हृदय से प्रार्थना कर रहे थे, ये भरोसा करते हुए कि देवी मां उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी करेंगी।जयपुर में आमेर किले स्थित शिला माता मंदिर में सुबह 6:25 बजे घट स्थापना की रस्में शुरू हुईं। एक घंटे बाद मंदिर के द्वार उन भक्तों के लिए खुल गए जो दर्शन के लिए बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे।मुंबई में परिवार और मित्र महालक्ष्मी मंदिर में एकत्रित हुए और नवरात्रि की प्रिय परंपरा को जीवित रखा।Navratri
सोमवार से शुरू हुए नवरात्रि का समापन दो अक्टूबर को विजयादशमी के साथ होगा।देश भर में देवी दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों को समर्पित मंदिरों में पूरे उत्सव के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।हालांकि सभी जगहों पर नवरात्रि समारोह में अपने-अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं के मुताबिक मनाया जाता है और श्रद्धालु देवी दुर्गा के प्रति अटूट आस्था को पूजा-पाठ के जरिए जाहिर करते हैं।Navratri