New Delhi: दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘मौन संवाद- हाशिये से केंद्र तक’ नाम से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इसमें 50 आदिवासी कलाकारों की बनाई गई चित्रकलाओं को पेश किया गया है। New Delhi
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देश के 30 से ज्यादा बाघ अभयारण्यों के बफर जोन के कलाकारों ने इन पेंटिंग्स को बनाया है जो वन्यजीवन की एक दुर्लभ झलक हैं। ये चित्रकलाएं आपको दिखाएंगी कि कैसे स्थानीय समुदाय वन्यजीवों के साथ रहते हैं और बाघों को किसी खतरे के रूप में नहीं, बल्कि पर्यावरण के एक अहम हिस्से के रूप में लेना चाहिए। संकला फाउंडेशन ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और अंतरराष्ट्रीय बाघ गठबंधन के सहयोग से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इसका मकसद आदिवासी संस्कृति और वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाना है। New Delhi
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देश भर के कलाकारों ने इस प्रदर्शनी के जरिए अपनी कहानियों को साझा किया है। प्रदर्शित की गई 250 पेंटिंग्स बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं। इनकी बिक्री से कलाकारों की रचनाएं तो दूसरे घरों का हिस्सा बनेंगी ही, साथ ही उन्हें मुनाफा भी मिलेगा।