एनसीआर सहित पूरे भारत में इस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही है जिसके चलते अचानक से घने कोहरे ने दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी रैन बसेरों पर ताला लटका पड़ा है और लोग इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है।
ग्रेटर नोएडा दादरी नगर पालिका के द्वारा बस स्टैंड के पास बनाए गए रैन बसेरे पर सरकार का लाखों रुपए खर्च इसलिए किया गया था। ताकि इस कड़कड़ाती ठंड में रात में आने वाले यात्रियों को अगर बस नहीं मिल पाती है तो वह इन रेन बसेरे में अपनी रात बिता सकते हैं लेकिन सरकार के लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी इन रैन बसेरों पर ताला लटका पड़ा है और लोग इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है। रेन बसेरे के बाहर बैठे नवीन शर्मा का कहना है कि वह अनूपशहर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा है।
लेकिन कई घंटे बीतने के बावजूद भी जब बस नहीं आई तो वह रेन बसेरे में शरण लेने के लिए रेन बसेरे पहुंचे लेकिन रेन बसेरे पर ताला लगा होने के चलते रैन बसेरे के बाहर ही इस कड़कड़ाती ठंड में बैठने को मजबूर है। वही रेन बसेरे के बाहर ही बैठे दूसरे यात्री उमेश शर्मा का कहना है कि वह जहांगीराबाद जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जब बस नहीं आई तो वह इस कड़कड़ाती ठंड में रैन बसेरे में शरण लेने के लिए पहुंचे जहां वह रेन बसेरे पर ताला लगा देखकर मायूस होकर रैन बसेरे के बाहर ही बैठ गए उमेश का कहना है कि अगर रेन बसेरे का ताला खुला हुआ होता वह आसानी से अपनी रात रेन बसेरे में काट सकते थे लेकिन अब इस कड़कड़ाती ठंड में रैन बसेरे के बाहर ही उन्हें पूरी रात गुजारनी होगी।
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अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार के द्वारा किए गए लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी आम जनता सरकार के द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ भी नहीं ले पा रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी रैन बसेरों पर लगे ताले इस कड़कड़ाती ठंड में लोगों के लिए आफत बनकर आ रहे हैं।