नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब 24 घंटे माल वाहक इलेक्ट्रिक गाड़ियां (ई-व्हीकल्स) चल सकेंगी। आज केजरीवाल सरकार ने इस संबंध में अपनी मंजूरी दे दी है। यह निर्णय दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दिशा में एक एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा अधिसूचित तय समय के दौरान चिन्हित सड़कों पर चलने और पार्किंग के लिए इलेक्ट्रिक हल्के माल वाहक वाहनों को छूट देने का एलान किया।
एल-5-एन श्रेणी के थ्री-व्हीलर माल वाहक और एन-1 श्रेणी के इलेक्ट्रिक माल ढोने वाले वाहन, जिनका कुल वजन 3.5 टन से अधिक नहीं है, वे अब किसी भी समय दिल्ली की सड़कों पर चल सकेंगे।
व्यस्त समय (बिजी ऑवर्स) के दौरान भीड़भाड़ और वाहनों से होने वाले प्रदूषण के कारण वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही पर दिल्ली की 250 प्रमुख सड़कों पर और बिजी ऑवर्स के दौरान सुबह 7 से 11 बजे तक और शाम को 5 बजे से 9 बजे तक प्रतिबंध है।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हम ईवी पॉलिसी के तहत किए गए प्रत्येक वादे को अच्छे तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और माल वाहक ईलेक्ट्रिक गाड़ियों को सड़कों पर उतरने की छूट देने का प्रावधान उसी का प्रमाण है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी दिल्ली सरकार के फैसले के अनुसार इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर दिया है। इस पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ कई दौर की बैठकें हुई थी और उसके बाद अब इसे अधिसूचित कर दिया गया है।
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परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आगे कहा कि ईवी पॉलिसी की शुभारंभ के बाद से इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (ई-एलसीवी) की बिक्री 46 से बढ़कर 1054 हो गई है, जो पंजीकरण में 95.6 फीसद की वृद्धि है।
हमें उम्मीद है कि सभी तरह के ई-वाहनों को अपनाने की दिशा में आज यह निर्णय एक मील का पत्थर साबित होगा और इससे दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।
2024 तक कुल वाहनों के पंजीकरण में से 25 फीसद नए ईलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ दिल्ली सरकार साझा और वाणिज्यिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने पर ध्यान केंद्रित की हुई है।
दिल्ली ईवी पॉलिसी को लागू करने के बाद से इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (ई-एलसीवी) की खरीद में काफी तेजी आई है।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पीयूसीसी जांच के लिए दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर परिवहन विभाग के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) और प्रवर्तन टीमों की वर्तमान में तैनाती के बारे में भी मीडिया को जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि अक्टूबर में परिवहन विभाग द्वारा जागरूकता और प्रवर्तन अभियान शुरू करने के बाद से प्रतिदिन औसतन 300 चालान किए जा रहे हैं और कड़ाई से प्रवर्तन अभियान चलाने की वजह से पीयूसीसी की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
दिल्ली परिवहन विभाग ने पड़ोसी राज्यों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि 10 साल से अधिक पुराने किसी भी डीजल वाहन को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और दिल्ली की सड़कों पर चलते पाए जाने पर उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
सभी स्टेज कैरिज बसों (जो विभिन्न स्टापों पर रूकते हुए चलती हैं) को भी अनिवार्य रूप से वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के साथ चलना आवश्यकता है। अगर उनके पास वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं पाया जाएगा, तो उनका चालान किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच, दिल्ली सरकार ने कल भी एक आदेश जारी किया था जिसमें आवश्यक सेवाओं और पेट्रोलियम ले जाने वाले टैंकरों को छोड़कर शहर में सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया था।
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