( प्रदीप कुमार) – महाराष्ट्र के एक दिवसीय प्रवास के दौरान लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रवर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, के 11 वे दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करते हुए बिरला ने कहा कि महाराष्ट्र शौर्य, वीरता और अध्यात्म की धरती है जो अपने संतों, महापुरुषों और उनके योगदान के कारण विश्व विख्यात है।
ओम बिरला ने इंस्टिट्यूट की सराहना करते हुए कहा कि यह सहकारिता आंदोलन और किसानों-कामगारों की सेवा के लिए स्थापित किया गया था। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि इंस्टिट्यूट के विद्यार्थियों ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मानवीय सेवा का पुनीत कार्य किया है। बिरला ने छात्रों से कहा कि उन्हें आज मिलने वाली ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट की उपाधि जीवन की नई शुरुआत है। उन्होंने छात्रों को सुझाव दिया कि कॉलेज से निकलने पर वे अपने इंस्टिट्यूट से अर्जित शिक्षण-प्रशिक्षण, रिसर्च-इनोवेशन को समाज को समर्पित करें।
मेडिकल साइंसेज में नए शोध, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 5G जैसी टेक्नोलॉजी के सन्दर्भ में बिरला ने कहा कि इस कालखंड में चिकित्सकों को टेक्निकल रूप से निपुण होना पड़ेगा और लेटेस्ट रिसर्च से जुड़ा रहना होगा। यह विचार व्यक्त करते हुए चिकित्सकों का अध्ययन काल कभी समाप्त नहीं होता, उन्होंने कहा कि उन्हें अपने शिक्षण-प्रशिक्षण और रिसर्च का उपयोग करते हुए बदलते परिपेक्ष में मानव सेवा का कार्य करना होगा।
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ओम बिरला ने आगे कहा कि मेडिकल साइंस बदलते परिपेक्ष में टेक्निकल रूप से सदृढ़ हुआ है जबकि यह भी समझना पड़ेगा कि भारत की आध्यात्मिक संस्कृति और संस्कार मानवीय दृष्टिकोण और संवेदना से चलते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि डॉक्टर नवीनतम टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए अपने मन में मानवीय संवेदना रखें। बिरला ने छात्रों को सलाह दी कि वे मरीज़ों की हर संभव सहायता करें।
योग, आयुर्वेद और अन्य भारतीय चिकित्सा पद्दतियों का उल्लेख करते हुए बिरला ने विचार व्यक्त किया कि होलिस्टिक हीलिंग का समाज के उत्थान के लिए प्रयोग किया जा सकता है। ओम बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि डॉक्टरों को मरीज़ों के जीवन के हर पहलू का ज्ञान होना चाहिए और उन्हें मरीज़ के इलाज के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के विषय में ओम बिरला ने कहा कि आज के समय में क्लाइमेट चेंज और उससे जुड़े विषय मेडिकल साइंस से भी जुड़े हुए हैं और इसलिए चिकित्सकों को केवल दवा का इलाज नहीं किन्तु बदलते परिपेक्ष में जलवायु परिवर्तन से जुड़े विषयों का भी अध्ययन करने की आवश्यकता है ताकि उस से पड़ने वाले प्रभाव और आने वाली नई बीमारियों से बचने के प्रावधान किए जा सके।
ओम बिरला ने छात्रों को सलाह दी कि उनका हर प्रयास होने चाहिए कि उनके आसपास सभी लोग स्वस्थ रहें क्योंकि भारत स्वस्थ रहेगा तो उतनी ही तेजी से प्रगति और खुशहाली की ओर बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, एजुकेशन, इंडस्ट्री हर क्षेत्र में भारत में नए परिवर्तन हो रहे हैं; कई सेक्टर में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है। ओम बिरला ने कहा कि नौजवानों की सामर्थ्य शक्ति इतनी होनी चाहिए कि आने वाले समय में भारत हर क्षेत्र में नेतृत्व करे। उन्होंने आगे कहा कि नौजवान विद्यार्थियों पर विकसित भारत बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है, जो कठिन परिश्रम और ऊर्जा से पूरी होगी।
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