(प्रदीप कुमार): संसद में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सांसदों ने आज अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन से हुई झड़प के मुद्दे को फिर उठाया और इस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर अनुमति न मिलने पर विपक्ष ने वाकआउट कर विरोध दर्ज कराया। लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा भी शुरू हो गया। स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और हंगामा कर रहे सांसदों को नसीहत दी कि प्रश्नकाल कैसे महत्वपूर्ण विषय पर सवाल ना पूछ कर विपक्ष अपने अधिकार को ही कमजोर कर रहा है।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की। अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए। चौधरी ने कहा,‘‘1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था। हम चाहते हैं कि तवांग में झड़प पर यहां चर्चा हो।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति बीएसी की बैठक में फैसला होगा। जैसे ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे चलाने को कहा हंगामा शुरू हो गया। चीन के मसले पर चर्चा की मांग को नकार देने के बाद सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने लोक सभा से वॉकआउट कर दिया। अन्य कई विपक्षी दलों ने भी कांग्रेस का साथ देते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
सदन के बाहर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बयान देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प में सरकार ने ‘छोटा बयान’ दिया और उसके साथ कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया जो लोकतांत्रिक बात नहीं है। थरूर ने कहा कि इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
इधर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शून्यकाल में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कल भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। जो चीनी अतिक्रमण हुआ है, उसके बारे में हम विस्तृत चर्चा चाहते हैं। हमारी कोशिश रही है कि सदन को पूरी जानकारी मिले, देश के लोगों को भी जानकारी मिले कि वहां की वास्तविक स्थिति क्या है।’’
इसी दौरान उप सभापति हरिवंश ने खड़गे को टोकते हुए कहा कि आज इस बारे में कोई नोटिस नहीं है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती है तथा रक्षा मंत्री भी इस पर बयान दे चुके हैं। इस पर, खड़गे ने कहा, ‘‘हम देश के साथ हैं, हम सेना के साथ हैं।’’ खड़गे अभी बोल ही रहे थे कि उप सभापति ने शून्यकाल शुरु कराया और बीजेपी सांसद बृजलाल को अपना मुद्दा उठाने को कहा।
इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। उप सभापति ने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विपक्ष के नेता को चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर अपने नोटिस को पूरा पढ़ने का मौका दिया गया। इस बीच,खड़गे कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन आसन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इसके कुछ देर बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।
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विपक्षी दलों के वॉकआउट और विपक्ष की चर्चा की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सदन के बाहर कहा कि यह भारत का दुर्भाग्य है कि जब पूरी दुनिया के देश भारत के साथ खड़े हैं, अमेरिका भी भारत की तारीफ करते हुए यह कह रहा है कि अरुणाचल में भारत के जवानों ने चीन के सैनिकों को खदेड़ दिया, उस समय देश के अंदर ही ये लोग मोदी की आलोचना करते करते देश की आलोचना करने लग गए हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में बयान दिया था। रक्षामंत्री ने संसद को बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।
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