Parliament session 18th lok sabha: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के सँयुक्त सत्र को किया संबोधित

Parliament session 18th lok sabha:

Parliament session 18th lok sabha:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। अभिभाषण में राष्ट्रपति ने देश में 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ,आज 27 जून है।25 जून, 1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था।तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था।

Read Also: JEECUP: परीक्षार्थियों का खत्म हुआ इंतजार, आज आ सकता है UPJEE का परिणाम

राष्ट्रपति ने अभिभाषण में आगे कहा कि ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाया क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं।मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।अब भारत के उस भूभाग,हमारे जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां आर्टिकल 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं।

राष्ट्रपति ने जब 1975 में लगाए गए आपातकाल का जिक्र करना शुरू किया तो कांग्रेस सांसदों ने संयुक्त बैठक में ही नारेबाजी शुरू कर दी।सदन के बाहर कांग्रेस ने कहा कि 50 साल पुरानी बात पर अब चर्चा होने से क्या फायदा है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि कई मुद्दों को उठाना चाहिए,उस पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन जहां तक आपातकाल की बात है, यह 50 साल पुरानी बात है, इस पर अब चर्चा करने या बोलने से क्या फायदा है। बल्कि आज तो बेरोजगारी और लोगों की अन्य समस्याओं पर चर्चा की जरूरत है।

Read Also: टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान को नौ विकेट से हराया

वहीं बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने आपातकाल पर चर्चा को जरूरी बताया।कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने कहा कि आखिर इस पुराने मुद्दे को क्यों नहीं उठाना चाहिए। आपातकाल एक ऐसा धब्बा है जो कभी मिट नहीं सकता है।
वहीं केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी और चिराग पासवान ने भी आपातकाल के जिक्र को सही ठहराया।जयंत चौधरी ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ एक डॉक्यूमेंट नहीं है बल्कि यह लोगों का डॉक्यूमेंट है। आज देश में हमारी संवैधानिक संस्थाएं मजबूत हैं और लोगों को इन पर पूरा भरोसा और गर्व है।सत्ता पक्ष से जुड़े सांसदों ने कहा कि चुनाव आयोग ने चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, आम लोगों ने और खासकर महिलाओं ने बड़ी संख्या में बाहर निकल कर अपने भविष्य के लिए वोट किया है और देश में आज पूर्ण और ऐतिहासिक बहुमत वाली सरकार है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *