अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमि पूजन से पहले बयानबाजी करने वाले सांसद असदुद्दीन ओवैसी अब अपनी बयानबाजी को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं । दरअसल 30 जुलाई व 5 अगस्त अयोध्या राम मंदिर शिलान्यास के दिन ओवैसी ने बयान दिया व ट्वीट किया था कि पीएम मोदी राम मंदिर पूजन में न जाएं और उन्होंने ये भी कहा था कि बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया था और वहां पर हमारी मस्जिद है वहां मस्जिद ही रहेगी । इस मामले में अब एंटी ट्रेरिस्ट फ्रंट और हिन्दू तख्त ने ओवैसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि साफ तौर पर ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के श्री राम मंदिर जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आने के बाद ऐसा बयान देकर उच्च अदालत के आदेशों की अवमानना की है। जिसके बाद इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री हिन्दू तख्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष राकेश गौड़ ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अवमानना याचिका दायर कर दी है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार कई ली गई है ।
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याचिका में कहा गया है कि ओवैसी ने अयोध्या में भूमि पूजन से पहले एक न्यूज चैनल पर कोर्ट की पवित्रता और बुद्धिमता को लेकर अपमानजनक बयान दिए। कोर्ट के फैसला सुनाने से पहले राम मंदिर का विवाद बहुत लंबे समय से लंबित था, अवमानना करने वाले विवाद को लेकर झूठे और निराधार बयान दे रहे हैं, बिना करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं की परवाह किए, और इस तरह के बयान देकर वे मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।”
याचिका में ये भी कहा गया है कि 30 जुलाई को दिए ओवैसी के बयान से करोड़ों भारतीयों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची जिनकी भगवान राम में आस्था है। इसमें कहा गया है, ”राष्ट्रीय टेलीविजन पर यह बयान देकर उन्होंने (ओवैसी) ने सर्वोच्च न्यायलाय का अनादर किया और यह भी दिखाया कि उनका भारत की न्यायिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है।’
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