(प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज समरकंद में SCO शिखर सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उजबेकिस्तान, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान के राष्ट्र प्रमुख भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने SCO बैठक के बाद हिंदी में सभी राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित किया। समरकंद में SCO समिट में दिए अपने भाषण में पीएम मोदी ने नाम तो किसी देश का नहीं लिया लेकिन संदेश सभी के लिए था।
पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया कोरोना वायरस महामारी पर काबू पा रही है। कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान उत्पन्न हुए है। हम भारत को एक विनिर्माण केंद्र में बदलना चाहते हैं”
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चीन को संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के पर प्रगति कर रहे हैं। भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स कंपटिटीव बनाता है। भारत की अर्थव्यवस्था में इस साल 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की आशा है, जो विश्व कि बड़ी इकॉनमीज में सबसे अधिक होगी। हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70 हजार स्टार्टअप हैं, जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।पीएम मोदी ने कहा कि हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम हर क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं।पीएम मोदी ने कहा, “हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।”
पीएम मोदी ने दक्षिण एशिया की शांति के लिए चीन का नाम लिए बिना कहा कि भारत SCO देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का समर्थन करता है। LAC पर चीन अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह बयान चीन के लिए एक सख्त संदेश भी माना जा रहा है। पीएम मोदी ने बैठक में बिना नाम लिए पाकिस्तान को भी सीधा संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि SCO को क्षेत्र में लचीली आपूर्ति शृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए बेहतर संपर्क सुविधा एवं एक-दूसरे को ट्रांजिट का अधिकार देना महत्वपूर्ण होगा।
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दरअसल अपने भाषण में ये जिक्र कर पीएम मोदी ने इशारों में अफगानिस्तान को दिए जाने सहायता में पाकिस्तान की रोक का भी जिक्र कर दिया।अफगानिस्तान को भारत की मदद में पाकिस्तान गाहे-बगाहे रोड़े अटकता रहता है।
SCO समिट में दिए अपने भाषण में पीएम मोदी ने मित्र रूस को भी संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन में कई बाधाएं उत्पन्न हुई हैं। जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त सप्लाई चेन विकिसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी ही।
दरअसल, भारत यूक्रेन युद्ध पर शुरू से ही स्पष्ट रुख अपना रखा है। भारत ने दुनिया के हर मंच पर इसका समाधान आपसी बातचीत से करने पर जोर दिया है। ऐसे में यूक्रेन युद्ध का जिक्र कर पीएम मोदी ने इशारों में ये भी बता दिया कि इसकी वजह से दुनिया में कई दिक्कतें भी पैदा हुई हैं।
इसी के साथ पारंपरिक दवाओं पर नये SCO कार्य समूह का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “अप्रैल 2022 में, WHO ने गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। डब्ल्यूएचओ द्वारा पारंपरिक उपचार के लिए यह पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था। भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करेगा।