Political News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से इसमें रिसर्च और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी समेत चार अन्य भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने को मंजूरी दिए जाने के दो दिन बाद मुंबई में एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ये मराठी भाषा के लिए एक “स्वर्णिम क्षण” है।
Read Also: हिमाचल प्रदेश: शिमला नगर आयुक्त ने विवादित संजौली मस्जिद की तीन गैरकानूनी मंजिलों को गिराने का आदेश दिया
प्रधानमंत्री ने कहा, मराठी एक ऐतिहासिक भाषा है जिसके ज्ञान स्रोतों ने कई पीढ़ियों का मार्गदर्शन किया है। मराठी भाषा ने वर्षों से साहित्य, धर्म, सामाजिक सुधार, स्वतंत्रता आंदोलन आदि को दर्शाया है। संस्कृति, इतिहास, साहित्य और लोक कला भाषा से जुड़ी हुई हैं। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार ने हमेशा मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई मराठी भाषा में भी की जा सकती है। पीएम मोदी कहा कि केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि अदालती फैसलों में मुख्य भूमिका मातृभाषा में दी जाए। उन्होंने कहा, “भाषा विचारों का माध्यम होनी चाहिए।
Read Also: पश्चिम बंगाल में लड़की का शव मिला, ग्रामीणों ने पुलिस चौकी जलाई, वाहनों में तोड़फोड़ की
ये देखते हुए कि अनुवाद भाषा की बाधा को तोड़ सकता है, मोदी ने दुनिया में भारतीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा। मोदी ने कहा, हर मराठी भाषी व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे भाषा के विकास में योगदान दे। अब तक भारत में छह शास्त्रीय भाषाएं थीं – तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओड़िया।
