Iran Israel War: गाजा में बढ़ती भुखमरी पर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया बड़ा बयान बोले- इजरायल के साथ मिलकर चलाएंगे फूड सेंटर

President Donald Trump

President Donald Trump:  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका और इज़रायल मिलकर गाज़ा में नए फूड सेंटर शुरू करेंगे, ताकि वहां बढ़ती भुखमरी की समस्या को दूर किया जा सके। हालांकि, इस योजना को लेकर उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी कि यह पहले से चल रहे राहत केंद्रों से कैसे अलग होगी।ट्रंप ने स्कॉटलैंड की यात्रा से लौटते वक्त एयर फोर्स वन में पत्रकारों से कहा, “हम इज़रायल के साथ काम करेंगे और उन्हें वितरण की ज़िम्मेदारी देंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाना सही तरीके से पहुंचे।”गाज़ा में भुखमरी को लेकर अमेरिका और ट्रंप प्रशासन पर देश-विदेश से दबाव बढ़ रहा है। खासतौर पर तब जब अमेरिकी सहयोगी इज़रायल की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, और कुपोषित बच्चों की तस्वीरें सामने आ रही हैं।President Donald Trump

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हाल ही में अमेरिका ने 21 महीने से चल रहे इज़रायल-हमास युद्ध में संघर्षविराम की बातचीत से खुद को अलग कर लिया था, आरोप लगाते हुए कि हमास वार्ता में गंभीर नहीं है। लेकिन इस हफ्ते ट्रंप ने इस मुद्दे पर इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से सार्वजनिक रूप से असहमति जताई और गाज़ा की स्थिति को लेकर चिंता जताई।व्हाइट हाउस ने इसे “नई मदद योजना” बताया है, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भी कहा कि उन्हें इसकी रूपरेखा की जानकारी नहीं है।President Donald Trump

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इस बीच, डेमोक्रेट सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से अपील की है कि वह गाज़ा की मदद के लिए अधिक प्रयास करे। मंगलवार को 40 से अधिक सीनेटरों ने ट्रंप को पत्र लिखकर संघर्षविराम की बातचीत दोबारा शुरू करने और एक इज़रायल-समर्थित अमेरिकी संगठन की आलोचना की, जो पहले से ही गाज़ा में खाद्य सहायता वितरण कर रहा है।सीनेटर टिम केन ने सवाल उठाया कि वर्षों से काम कर रहे मानवतावादी संगठनों को यह जिम्मेदारी क्यों नहीं सौंपी गई। उन्होंने कहा, “अगर हम सच में समस्या को हल करना चाहते हैं, तो अनुभव रखने वाले संगठनों को आगे लाना चाहिए।”President Donald Trump

ट्रंप की यह योजना काफी हद तक उस कार्यक्रम से मिलती-जुलती है जो मई में शुरू किया गया था, जब इज़रायल ने गाज़ा में खाद्य और दवाइयों की आपूर्ति पर 2.5 महीने तक रोक लगाई थी। उस वक्त Gaza Humanitarian Foundation (जीएचएफ) नाम की एक अमेरिकी-इज़रायली संस्था ने चार फूड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर खोले थे।हालांकि, इन राहत केंद्रों पर जाते समय कई फिलीस्तीनियों की जानें गई हैं। चश्मदीदों और संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इज़रायली सेना ने उन पर गोलियां चलाईं। जबकि इज़रायल का कहना है कि उन्होंने सिर्फ चेतावनी के लिए फायरिंग की। जीएचएफ ने कहा कि उनके सुरक्षाकर्मी केवल भीड़ नियंत्रित करने के लिए हवा में फायर और पेपर स्प्रे का उपयोग करते हैं।संयुक्त राष्ट्र ने जीएचएफ के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि इस मॉडल से लोगों की जान खतरे में पड़ती है, क्योंकि उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और यह इज़रायल को राहत पर नियंत्रण का मौका देता है।ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले नेतन्याहू से बात की थी और इज़रायल “सही तरीके से” खाद्य वितरण करना चाहता है। उन्होंने गाज़ा में भूख से पीड़ित बच्चों की तस्वीरों को “दिल दहला देने वाला” बताया और कहा, “इन बच्चों को खाना मिलना ही चाहिए। और हम खाना पहुंचाएंगे।”President Donald Trump

ट्रंप का यह रुख उनके कुछ समर्थकों, खासकर एमएजीए धड़े के करीब आता दिख रहा है, जो इज़रायल को दिए जा रहे अमेरिकी समर्थन की आलोचना करते रहे हैं।जॉर्जिया की सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने हाल में गाज़ा की स्थिति को “नरसंहार” तक कहा और दोनों पक्षों की निर्दोष जनता की पीड़ा की निंदा की।हालांकि, सभी एमएजीए समर्थक इस रुख से सहमत नहीं हैं। चार्ली किर्क, जो टर्निंग पॉइंट नामक संगठन चलाते हैं, ने कहा कि यह सब “प्रचार” है और इज़रायल को गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है।गाज़ा की स्थिति को लेकर अब अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, और दुनिया देख रही है कि ट्रंप की इस नई योजना का अगला कदम क्या होगा।President Donald Trump

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