नई दिल्ली (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट): पीएम मोदी ने आज वर्चुअल तरीके से केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। आज हुई बैठक में सबसे पहले केदारनाथ धाम के विकास पर ही चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत वर्चुअल तरीके से जुड़े जबकि उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मार्थ मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रदेश के पर्यटन सचिव और केंद्रीय कैबिनेट सचिव बैठक में भाग लेने के लिए पीएमओ पहुंचे।
केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ के विकास का ब्लूप्रिंट भी आज की बैठक में तैयार किया गया, जिसके लिए केंद्र सरकार और सीएसआर के माध्यम से फिलहाल 481 करोड़ की धनराशि जारी की जाएगी।
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दो चरण में बद्रीनाथ के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है ,जो 2025 तक पूरा हो जाएगा। विकास कार्य कुछ इस तरह से किया जाएगा जिससे परंपराओं के साथ-साथ संस्कृति के पीछे की वैज्ञानिक तथ्यों को भी दिखाया जा सके।
प्रस्तुतिकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश तथा पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर मौजूद थे।
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बद्रीनाथ के सौंदर्यीकरण का मास्टर प्लान प्रधानमंत्री के निर्देश पर केदारपुरी पुननिर्माण योजना की तर्ज पर बनाया गया है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा, कि बद्रीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है और निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, कि सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है, इसके अलावा, उन्होंने कहा, कि बद्रीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है जिनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए।
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