Priyanka Gandhi campaign in Wayanad: कांग्रेस महासचिव और वायनाड संसदीय क्षेत्र से यूडीएफ उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने बुधवार को भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभाजनकारी राजनीति की निंदा की।उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान हर रोज की तरह जनता का अपार जनसमर्थन मिला, हर जगह स्थानीय निवासियों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
वायनाड संसदीय क्षेत्र में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने वायनाड के लोगों की सद्भावना और भाईचारे की भावना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वायनाड के लोग संविधान के न्याय, समानता और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों के लिए खड़े हैं और यही वे मूल्य हैं जिन्हें भाजपा और नरेंद्र मोदी जैसे उसके नेता नष्ट करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश में विभाजनकारी राजनीति का उभार देखा गया है। सत्ता में बैठे लोगों ने हमें विभाजित करने की कोशिश की है। सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए उन्होंने भय और अविश्वास का बीज बोया है। इस प्रकार की राजनीति जनता के जीवन को प्रभावित करने वाले असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि जनता द्वारा चुने गए प्रत्येक नेता को संविधान के मूल्यों के बारे में पता होना चाहिए और यह पता होना चाहिए कि उनका प्राथमिक काम लोगों के मुद्दे हल करना है। प्रधानमंत्री मोदी को लगता है कि वे लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी ताकत का इस्तेमाल लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के लिए किया और उनसे सवाल पूछने वाले लोगों को निशाना बनाया गया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि नेता दो तरह के होते हैं। पहला, वह जो जनता से प्यार करता है और उसका सम्मान करता है। ऐसा नेता समझता है कि उसके पास कितनी भी ताकत क्यों न हो, वह उसकी नहीं, जनता की है। ऐसे नेता लोगों की समस्याओं को ईमानदारी से महसूस करते हैं। वह जनता के दर्द को समझते हैं। ऐसे नेता लोगों की जाति और धर्म नहीं पूछते। ऐसा नेता जनता को परिवार की तरह देखता है। वह नेता आपका मार्गदर्शक हो सकता है। दूसरा नेता आपके प्यार का सम्मान नहीं करता। वह यह नहीं सोचता कि उसके पास जो ताकत है वह जनता की वजह से है। राहुल गांधी पहली तरह के नेता हैं, जो जनता से प्यार करते हैं, सम्मान करते हैं और जनता को समझते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी तरह के नेता हैं, जो जब तक सत्ता में रहेंगे, जनता के बीच नफरत और अविश्वास फैलाने और जनता को बांटने में संकोच नहीं करेंगे। उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता में बने रहना है।
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भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देश में अब तक की सबसे अधिक बेरोजगारी है। पढ़े-लिखे युवाओं को सही नौकरी नहीं मिल पा रही है। महंगाई ने सभी सीमाएं पार कर दी हैं और आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और सहायक कंपनियां जो पहले नौकरियां देती थीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धीरे-धीरे उन सबको अपने बड़े कारोबारी मित्रों को सौंप दिया। मनरेगा के फंड में कटौती की गई। गलत जीएसटी और नोटबंदी से छोटे व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हुए। मोदी सरकार ने बड़े उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है, जबकि किसानों को इस सरकार से कोई कर्ज माफी नहीं मिली। दूसरी ओर, 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान किसानों का कर्ज माफ किया गया था।
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वायनाड के स्थानीय मुद्दे उठाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीन-फील्ड हाईवे के लिए सीधा प्रवेश मार्ग विकसित किया जा सकता है। दो रेलवे स्टेशनों का विकास एक अन्य बड़ा मुद्दा है। इन सभी चीजों पर काम किया जा सकता है, ताकि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिले। किसानों की समस्याएं उठाते हुए उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ से फसलें नष्ट होने पर किसानों को मुआवजा नहीं मिलता है। किसान कॉफी, एरिका नट, केला, रबर, मसाले, जायफल, दालचीनी आदि फसलें उगाते हैं। लेकिन उन्हें सही मूल्य नहीं मिलता। किसानों को ऋण नहीं मिलता है और अगर मिल भी जाता है तो वे उसे चुका नहीं पाते हैं। जंगली जानवर फसलें नष्ट कर देते हैं, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिलता। यहां के किसानों को अगर अच्छी मार्केटिंग, पैकेजिंग व भंडारण सुविधाएं और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां मिलें तो वायनाड वैश्विक स्तर पर इन फसलों का केंद्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि खेल सुविधाओं पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
लोगों से अपने पक्ष में वोट करने की अपील करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “मैं आपकी परेशानियों, आपके दुख के दौरान आपके साथ खड़ी रहूंगी और मैं आपकी खुशी के दौरान आपके साथ रहूंगी, ठीक उसी तरह जैसे आप मेरे भाई राहुल गांधी के साथ खड़े रहे हैं”।
