Rahul Gandhi on PM MODI: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए हिंदुस्तान का संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में इसे कभी पढ़ा ही नहीं है।महाराष्ट्र के नंदुरबार में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह (राहुल गांधी) जनसभाओं में जो संविधान दिखाते हैं, वो खाली पृष्ठों से भरा है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, नरेंद्र मोदी जी के लिए संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में कभी इसे पढ़ा ही नहीं है। उन्हें नहीं पता कि इसमें क्या लिखा है, इसलिए यह उनके लिए खाली है। संविधान में बिरसा मुंडा जी, भगवान बुद्ध, गांधी जी, फुले जी की सोच है। इस संविधान में हिंदुस्तान का ज्ञान है, देश की आत्मा है। जब नरेंद्र मोदी संविधान को खोखला कहते हैं, तो वे बिरसा मुंडा जी, भगवान बुद्ध, गांधी जी, फुले जी, अंबेडकर जी का अपमान करते हैं।
राहुल गांधी बोले- प्रधानमंत्री के लिए देश का संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने इसे कभी पढ़ा ही नहीं
- Ajay Pal,
- Nov 14th, 2024
- (10:45 pm)
उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री यह भी कहते हैं कि राहुल गांधी लाल रंग का संविधान दिखाता है। मोदी जी, इसके रंग से हमें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो इसके अंदर लिखा है, कांग्रेस नेता उसकी रक्षा के लिए जान देने को तैयार हैं।जनसभा में उमड़ी भारी भीड़ के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान में आदिवासी नाम दिया गया है। लेकिन भाजपा-आरएसएस आदिवासियों को वनवासी कहती है। आदिवासी और वनवासी में बहुत बड़ा फर्क है। आदिवासी का मतलब है- हिंदुस्तान के पहले मालिक। वनवासी का मतलब है- जंगलों में रहने वाले लोग, जिनका देश के जल, जंगल, जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। आदिवासियों के इसी अधिकार को बचाने के लिए बिरसा मुंडा जी अंग्रेजों से लड़े थे।उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासियों के बच्चे पढ़ें और डॉक्टर, इंजीनियर, बड़े व्यापारी बनें। भाजपा उन्हें केवल जंगलों तक ही सीमित रखना चाहती है।
राहुल गांधी ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण बिल और पेसा कानून लाकर आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन की रक्षा की थी। लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही आदिवासियों को वनवासी कहा और उनके अधिकार छीनने शुरू कर दिए।राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों के साथ बहुत भेदभाव किया जाता है। देश में उनकी आबादी आठ प्रतिशत है, लेकिन सरकार और अन्य संस्थाओं में उनकी भागीदारी लगभग न के बराबर है। उन्होंने इस भेदभाव को समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि जाति जनगणना ही इसका एकमात्र समाधान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्ग को हिंदुस्तान में भागीदारी मिले।
उन्होंने वादा किया कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार आने पर जाति जनगणना की जाएगी। इसके अलावा आरक्षण पर पचास प्रतिशत की दीवार को भी तोड़ा जाएगा और इसे पचास प्रतिशत से आगे ले जाया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार रोजगार की अपार संभावनाओं वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं को गुजरात जैसे अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर रही है। उन्होंने कहा कि वेदांता-फॉक्सकॉन प्लांट, टाटा एयरबस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, एप्पल फोन प्लांट और ड्रग पार्क जैसी परियोजनाओं को गुजरात में स्थानांतरित करने के कारण महाराष्ट्र में लगभग पांच लाख नौकरियां चली गईं। लेकिन महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने पर ऐसा नहीं होगा। महाविकास आघाड़ी यह सुनिश्चित करेगी कि महाराष्ट्र की परियोजनाएं महाराष्ट्र के पास ही रहें और गुजरात की परियोजनाएं गुजरात के पास ही रहें।
जनता से महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवारों को भारी मतों से जिताने का आह्वान करते हुए राहुल गांधी ने वादा किया कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है, उसी तरह महाविकास आघाड़ी सरकार किसानों के तीन लाख रुपये तक के कर्ज माफ करेगी। धान, सोयाबीन और कपास को एमएसपी पर खरीदा जाएगा। महिलाओं को महालक्ष्मी योजना के तहत हर महीने 3,000 रुपये मिलेंगे। उन्हें मुफ्त बस यात्रा की भी सुविधा मिलेगी। 25 लाख रुपये का पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। इसके अलावा बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलने तक हर महीने 4,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। 2.5 लाख सरकारी रिक्त पदों को भी भरा जाएगा।
