(प्रदीप कुमार): उपसभापति हरिवंश ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के स्थापना सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए युवाओं से चरित्र और कौशल के समग्र विकास पर ध्यान देने का आग्रह किया जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस युग में प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी के कारण देश को इस सदी के मध्य तक जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ प्राप्त होता रहेगा जिससे देश 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर होगा। उन्होंने इस दिशा में काम करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों को लागू करने के लिए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्रयासों की भी सराहना की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
प्रौद्योगिकी की चुनौतियों पर जोर देते हुए राज्यसभा उपसभापति ने कहा, “प्रौद्योगिकी एक दोधारी तलवार है। जहाँ यह समाज में बहुत सारे सकारात्मक परिवर्तन लाती है, वहीं यह कई चुनौतियाँ भी लेकर आती है। आज मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल डीपफेक और गलत सूचना फैलाने जैसी नकारात्मक चीजों के लिए भी किया जाने लगा है। हमारे समाज में इन कुछ चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए युवाओं में उचित मूल्यों की जानकारी देने के लिए चरित्र का सर्वांगीण विकास आवश्यक है।

उपसभापति ने हाल के वर्षों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रमुख संकेतकों पर हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी संकेतकों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 3.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए, जो देश में सबसे अधिक में से एक है। इसी प्रकार, स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार की दर में भी राज्य ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है। आर्थिक मोर्चे पर भी, यूपी में निवेश में वृद्धि देखी गई है और नियामक आवश्यकताओं को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
समाज में शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महंत दिग्विजयनाथ द्वारा 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की गई थी। परिषद के काम से हर साल 70,000 से अधिक छात्र लाभान्वित होते हैं और समाज को सस्ती दरों पर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करती है।
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