(प्रदीप कुमार): रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली में एशियाई तटरक्षक एजेंसियों की बैठक को संबोधित किया। रक्षामंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागीरी को लेकर परोक्ष रूप से चेतावनी भी दी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एशियाई तटरक्षक एजेंसियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम हिंद-प्रशांत में खुली, मुक्त, नियम-आधारित समुद्री सीमाओं के पक्ष में हैं। किसी भी देश को, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, वैश्विक मार्ग को हथियाने या दूसरों को इसके उचित उपयोग से वंचित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत समुद्री सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय विनियमों को लागू करने के लिए वचनबद्ध है। हमें समुद्री सुरक्षा और उसकी सुरक्षा के लिए कानून बनाने, उनके अमल के लिए विभिन्न देशों के साथ सहकारी तंत्र स्थापित करने और समुद्री कानून लागू करने वाली एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने में जुटना होगा।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एशिया में समुद्री और सशस्त्र डकैती के खिलाफ क्षेत्रीय सहयोग के समझौते से उत्साहित है। हम आपसी सहयोग को ही समुद्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका मानते हैं।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि ‘सागर’ क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास, सतत विकास लक्ष्य और ‘समुद्र में नियम आधारित आदेश’ का भारत का साझा दृष्टिकोण भारत-प्रशांत क्षेत्र में समावेशी विकास और स्थायी सहयोग के केंद्रित भारतीय दृष्टिकोण का पूरक है। उन्होंने नीली अर्थव्यवस्था की ओर भारत के फोकस पर प्रकाश डाला और आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और नौकरियों के लिए समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग और महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को संरक्षित करने की पुरजोर वकालत की।
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